विश्वकर्मा वंशीय जस्सा सिंह रामगढ़िया ने मुगल बादशाह को पराजित कर फहराया था लाल किले पर झण्डा
गाज़ियाबाद। विश्वकर्मा वंशीय जस्सा सिंह रामगढ़िया ने मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय को पराजित कर लाल किले पर झण्डा फहराया था। यह वाकया 11 मार्च 1783 का है। जस्सा सिंह ने तत्कालीन मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय को पराजित कर लाल किले पर अपना कब्जा कर झण्डा फहराया था। इस दिन को रामगढ़िया सिख विश्वकर्मा वंशीय सरदार जस्सा सिंह का विजय दिवस/शौर्य दिवस मनाया जाता है। ठीक इसी दिन धीमान ब्राह्मण समाज कल्याण सभा गाजियाबाद का स्थापना दिवस भी है। इसी परिपेक्ष्य में जस्सा सिंह रामगढ़िया का विजय दिवस व धीमान ब्राह्मण समाज कल्याण सभा गाजियाबाद का दसवां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया।
यह संयोग की बात है कि इस वर्ष इसी दिन महाशिवरात्रि का भी पावन पर्व पर रहा। इस अवसर पर गाज़ियाबाद के न्यू इण्डिया कैम्पस फार्म हाउस में 11 मार्च 1783 को तत्कालीन मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय को पराजित कर लाल किले पर अपना झण्डा फहराने वाले शूरवीर महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया तथा सरदार बघेल सिंह को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा उनका विजय दिवस/शौर्य दिवस विश्वकर्मा समाज द्वारा मनाया गया।
महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया ने अपने दो साथियों तथा लगभग तीस हजार सैनिकों की सेना के साथ मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय को पराजित कर लाल किले पर विजय प्राप्त की थी और उस ऐतिहासिक पत्थर को भी उखाड़ लिया था जिस पर मुगल बादशाहों की ताजपोशी होती थी। जस्सा सिंह ने उस पत्थर को उखाड़कर अमृतसर स्वर्ण मंदिर के रामगढ़िया बून्गा में रख दिया था जो आज भी वहां मौजूद है। जस्सा सिंह ने जिस जगह से लाल किले पर जाने का गुप्त रास्ता बनाया था उसे अब मोरी गेट के नाम से जाना जाता है और जिस जगह जीत की मिठाई बांटी गयी थी उसे पुल मिठाई के नाम से जाना जाता है। जहां पर तीस हजार सैनिक वाली सेना रुकी थी उसे आज तीस हजारी कोर्ट के नाम से जाना जाता है। जस्सा सिंह ने मुगल बादशाह को न केवल पराजित किया था वरन दो लाख रूपये नजराना भी वसूला था तथा गाजियाबाद मेरठ मुजफ्फरनगर सहारनपुर को फतह करते हुए पंजाब पहुंचे थे।
इसके अलावा उन्होंने आक्रान्ता नादिर शाह से लगभग बाईस हजार हिन्दू कन्याओं को छुड़ाया था। ऐसे महान शूरवीरों को याद करना, उनकी शहादत, वीरता को नमन करना हम सभी का नैतिक व सामाजिक राष्ट्रीय दायित्व है। इसके साथ ही धीमान ब्राह्मण समाज कल्याण सभा गाजियाबाद का दसवां स्थापना दिवस भी मनाया गया। पदाधिकारियों द्वारा दस साल में कराये गये सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर जांगिड ब्राह्मण महासभा के पूर्व महासचिव चन्द्रपाल भारद्वाज, भाजपा नेता राजू पांचाल, आदित्य धीमान, बिजेन्द्र धीमान, यशपाल धीमान, नित्यानन्द वशिष्ठ, अम्बरीष धीमान, ओ0पी0 शर्मा, प्रदीप सोलंकी, मनोज शर्मा, बबिता धीमान, मोनिका धीमान, अशोक धीमान, डॉ0 नरेन्द्र शर्मा, दयानंद भारद्वाज आदि प्रमुख समाजसेवी उपस्थित रहे। कार्यक्रम देर रात तक चला। सभी वक्ताओं ने समाज की एकता तथा अपने महापुरूषों की जीवनियों को पढ़कर उनसे शिक्षा लेने का आह्वान किया।