विश्वकर्मा समाज को आबादी के हिसाब से मिले हिस्सेदारी— रामआसरे विश्वकर्मा

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मुम्बई। उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मन्त्री व अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामआसरे विश्वकर्मा ने विश्वकर्मा समाज की आबादी के हिसाब से लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और सरकार में पूरी हिस्सेदारी की मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही सभी सुविधाओं में विश्वकर्मा समाज की पूरी हिस्सेदारी तय किया जाये। मालाड (पश्चिम) स्थित धूड़मल बजाज हाल में कारपेन्टर्स वेलफेयर एसोसिएसन की ओर से आयोजित वार्षिक समारोह में उन्होंने कहा कि हमारे लोहे और लकड़ी के कारोबार तथा रोजगार के लिये कानून बनाया जाये और विकास के लिये नीति बनायी जाये। आरक्षण के तहत विश्वकर्मा समाज के युवकों को नौकरी दी जाये। इस अवसर पर इस वर्ष का ‘विश्वकर्मा रत्न’ पुरस्कार समाजसेवी रामसूरत विश्वकर्मा को दिया गया।


पूर्व मन्त्री श्री विश्वकर्मा ने राम सूरत विश्वकर्मा को बधाई देते हुए कहा कि जिस सेवा के लिये आपको यह पुरस्कार दिया गया है, वह समाजसेवा आजीवन जारी रखनी चाहिये। उन्होंने कहा कि सम्मान के साथ-साथ अधिकार मिलने से व्यक्ति का स्वाभिमान बढ़ता है और व्यक्ति हीनता की भावना त्यागकर समाज के उन्नति के शिखर पर पहुंचता है। सपा को विश्वकर्मा समाज की हितैषी पार्टी बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने विश्वकर्मा पूजा को सरकारी छुट्टी घोषित कराकर विश्वकर्मा समाज का सम्मान बढ़ाया था, लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही उसे निरस्त कर दिया गया। यह विश्वकर्मा समाज का अपमान है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार में विश्वकर्मा समाज के इण्टर पास छात्रों को आईटीआई का प्रमाण पत्र और वर्कशाप के लिये ग्रामसभा जमीन का पट्टा देने का आदेश जारी करके विश्वकर्मा समाज को मजबूत किया था। भाजपा राज में विश्वकर्मा समाज पर लगातार उत्पीड़न और अत्याचार हो रहा है। न तो सरकार सुनवाई कर रही है और न पुलिस कार्यवाही कर रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि सपा सरकार में रामआसरे विश्वकर्मा को उच्चशिक्षा मंत्री बनाया गया। अगर उत्तर प्रदेश में विश्वकर्मा समाज के व्यक्ति को विधायक और मंत्री बनाया जा सकता है तो दूसरे राज्यों में क्यों नहीं।


श्री विश्वकर्मा ने कहा कि हम अनेक संस्थाओं और पार्टियों में बंटे और बिखरे होने के कारण एकजुट नहीं हो सके। यही हमारे पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण है। अब सभी को एकजुट होने की जरूरत है, ताकि विश्वकर्मा समाज के सम्मान और स्वाभिमान और हिस्सेदारी की लड़ाई लड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज का इतिहास सही रूप से देश के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके कारण आज हम निर्माणकर्ता से मालिक न बनकर केवल मजदूर बनकर रह गये। हमारी वास्तविक पहचान आज तक नहीं बन पायी। यही कारण है कि विश्वकर्मा समाज की पूरे देश में उपेक्षा हो रही है। हमें भगवान विश्वकर्मा और उनके वंशजों के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाना होगा।


समारोह में राज्य मंत्री संजय उपाध्याय ने कहा कि देश के निर्माण में विश्वकर्मा समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री मोदी का सबको घर देने की महत्वाकांक्षी योजना को विश्वकर्मा समाज के कारीगरी से ही पूर्ण किया जायेगा। इस अवसर पर कालूराम लोहार, घनश्याम पंवार, जयकिशन शर्मा सहित विश्वकर्मा समाज की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। कारपेंटर्स वेलफेयर एसोसिएसन के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण विश्वकर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा मुम्बई अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने आभार व्यक्त किया। गोदरेज लॉक्स एंड आर्किटेक्चरल फिटिंग्स एंड सिस्टम्स, एंकर प्लाईवुड, एवेरेस्ट बोर्ड्स और यूरो सिंथेटिक वुड एडहेसिव प्रायोजित समारोह में लोकगायक सुरेश शुक्ल व गायिका राधा मौर्य ने सामयिक लोकगीत प्रस्तुत किया।

—गंगाराम विश्वकर्मा

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