विश्वकर्मा समाज धार्मिक आत्मीयता, सादगी से मनाया विश्वकर्मा पूजा दिवस सप्ताह

Spread the love

महाराष्ट्र (भारत रेघाटे ताम्रकार)। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर 13 सितम्बर से 19 सितम्बर तक विश्वकर्मा पूजन दिवस सप्ताह महाराष्ट्र के सभी जिलों और तहसीलों में विभिन्न आध्यात्मिक, धार्मिक, शैक्षणिक और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

मुम्बई में अखण्ड विश्वकर्मा ब्राह्मण कल्याण समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित संतोष आचार्य ने ऋग्वेद मंडल, यजुर्वेद, श्रीमहा विश्वकर्मा पुराण, महाभारत, श्वेताश्वर उपनिषद, अग्निपुराण, ब्रह्मपुराण, अथर्ववेद, अथर्वकांड, विश्व ब्रह्मनिष्ठ, पद्मा महापुराण का संदर्भ देकर विराट विश्वकर्मा, देवशिल्पी विश्वकर्मा, भुवन विश्वकर्मा, पूजा दिवस, प्रगट दिन, अधिक मास-पुरुषोत्तम मलमास के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा पूरे सप्ताह विधि-विधान से होम-हवन के साथ की जाती है। इस बार 17 सितम्बर को पितृपक्ष की अमावस्या के कारण भक्तगणों व लोगों में संदेह पैदा हुआ है। अधिक मास व पुरुषोत्तम विश्वकर्मा पूजन दिवस अन्य जगहों पर मनाया गया। विश्वकर्मा समाज व तकनीकी कार्यों से जुड़े लोग अपने औजारों की पूजा कन्या संक्रांति पर ही करते हैं। आचार्य सन्तोष ने विश्वकर्मा पूजा के संदर्भ में उतपन्न आशंका को कन्या संक्रांति का संदर्भ देकर शंका निरसन किया।

पूना में भी विश्वकर्मा मन्दिर पर पूजा धूमधाम से मनाई गई। इस मन्दिर की स्थापना 2001 में ह0भ0प0 यादव दादा महाराज भिलारवाड़ी की प्रेरणा से की गई थी। आज यह मन्दिर एक बटवृक्ष बन गया है। मन्दिर में दैनिक गतिविधियां सुबह 5:30 बजे शुरू होती हैं। सुबह 11:30 बजे व शाम 7 बजे भगवान का अभिषेक और आरती होती है। हर महीने की अमावस्या को श्री का महाभिषेक होता है। हर एकादशी को हरिपाठ व साथ ही आषाड़ी वारी की दिंडी के 2 दिनों के प्रवास के अवसर पर वारकरी सेवा करते हैं। माघ शुक्ल त्रयोदशी पर विश्वकर्मा रहस्योद्घाटन के अवसर पर अखण्ड हरिनाम सप्ताह का आयोजन किया जाता है। यह जानकारी उद्धव पांचाल ने दी। विश्वकर्मा मित्र हडपसर ने इस आयोजन में बहुमूल्य योगदान दिया। विश्वकर्मा मन्दिर में 19 सितम्बर को आचार्य गोविंदराव पांचाल ने भगवान विश्वकर्मा के प्रकटदिन व पूजा दिवस पर मंत्रोच्चारण कर पूजन किया।

लातूर में 17 सितम्बर को विश्वकर्मा पूजन दिवस के अवसर पर संस्था के पदाधिकारियों ने लातूर में वृक्षारोपण और रक्तदान शिविर का आयोजन किया। जिला परिषद के सदस्य मंगेश सुवर्णकर ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में किया। इस अवसर पर विश्वकर्मा चौक का अनावरण और उद्घाटन उप तहसीलदार और ह0भ0प0 नंदकुमार पांचाल, महाराज हरंगुलकर, चंद्रकांत खटके जिला अध्यक्ष लातूर, सिद्धार्थ जगताप छावा अध्यक्ष ने किया। जिला संपर्क प्रमुख सतीश दीक्षित ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस कार्यक्रम में समाज के सदस्य, राजशेखर सुवर्णकर, डॉ0 उमाकांत जाधव, डॉ0 जगन्नाथ लोहारे, जिला अध्यक्ष अनंत पांचाल, मंडल संपर्क प्रमुख सुदर्शन बोराडे, शाहू सुतार, रंगनाथ बोराडे, रामराव रोहिनकर, दिगंबर पांचाल, सुनील पांचाल, शिवकुमार पांचाल, श्रीकांत पांचाल, ऋषि पांचाल, सतीश पांचाल, सुदामा पांचाल, किरण पांचाल, परमेश्वर पांचाल, उद्धव सुतार, अमित पांचाल, मुकुंद पांचाल, सतीश पांचाल उपस्थित थे।

सांगली सातारा (महाराष्ट्र) में हर साल सद्भावना ज्योति निकालकर कर्नाटक शिरसिंगी कालिका माता देवस्थान से सांगली तक, सातारा कोल्हापुर के पदाधिकारी कवठे महाकाल स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सांगली जिला अध्यक्ष विनायक सुतार, कोल्हापुर के अध्यक्ष संतोष पांचाल, संभागीय आयोजक विजय सुतार, और ज्योति आयोजक धनजी सुतार और अर्जुन सुतार ने कड़ी मेहनत की। विश्वकर्मा समुदाय के सुतार, लोहार, ताम्रकार, सुनार और मूर्तिकार ने कोरोना महामारी से दुनिया को बचाने के लिए पूरे जिले और भारत भर में घर-घर में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की। विश्वकर्मा विश्वनिर्माता के लेखक पंडित घनश्याम द्विज ने पूजा का महत्व बताया।

धुलिया में विश्वकर्मा पूजा दिवस के अवसर पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करके भारतीय मजदूर संघ धुलिया और निर्माण श्रमिक संघ की ओर से जिला अधिकारी और निर्माण मजदूर बोर्ड को एक बयान प्रस्तुत किया गया। बयान में कहा गया कि अगर आने वाले समय में निर्माण श्रमिकों की मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो सरकार को एक बड़े महाराष्ट्र-व्यापी आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष शिवाजीराव काकड़े, जिलाध्यक्ष सुनील तात्या, घनश्याम जोशी, बी0एन0 कुलकर्णी, उपाध्यक्ष गुलाब भामरे, हरिभाऊ वाघ के साथ ही एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: