जो राजनीतिक दल विश्वकर्मा समाज के हित की बात करेगा, उसी को मिलेगा समर्थन- विकास राणा
रांची। झारखंड प्रदेश विश्वकर्मा समाज की ओर से मोरहाबादी मैदान में विश्वकर्मा अधिकार रैली का आयोजन किया गया। पहली बार पूरे प्रदेश से 70 हजार से भी ज्यादा संख्या में विश्वकर्मा समाज के लोग रैली में पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष विकास राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि जो राजनीतिक पार्टी विश्वकर्मा समाज के हित की बात करेगी समाज उसी का समर्थन करेगा। अब समाज अपनी भागीदारी लेने का काम करेगा। अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो समाज द्वारा आंदोल को तेज करने का काम किया जायेगा। रैली में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री को आना था किसी कारणवश नहीं आ सके तो उनकी जगह कैबिनेट मंत्री दीपक बिरूआ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुये।
विश्वकर्मा समाज के प्रदेश अध्यक्ष विकास राणा ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र कैबिनेट मंत्री को सौंपा। मांगपत्र की प्रमुख मांगे- विश्वकर्मा पूजा को सार्वजनिक अवकाश घोषित हो, झारखंड में भी आर्टिजन बोर्ड का गठन किया जाय, झारखंड में पिछड़ी जाति को अनुसूचित जनजाति की सुविधा बहाल की जाय, झारखंड में जातीय जनगणना कराई जाय, झारखंड के सभी शिक्षण संस्थानों व सरकारी विभागों में बढ़ई, मिस्त्री तथा लोहार की बहाली हो, विश्वकर्मा समाज के लोगों को आरा मशीन का लाइसेंस प्रदान किया जाय और विश्वकर्मा समाज के लोगों को सस्ती दर पर लकड़ी उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो।
रैली में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री दीपक बरूआ ने कहा कि विश्वकर्मा समाज की मांगों को लेकर सरकार गंभीर है। समाज की मांगों को पूरा करने की दिशा में सरकार जल्द ही कदम उठायेगी। विशिष्ट अतिथि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा कि समाज जब तक एकजुट नहीं होगा तब तक इसकी मांगों पर कोई भी गंभीर नहीं होगा, लेकिन आज समाज के इस कार्यक्रम में जैसी भीड़ उमड़ी है, उसे देखकर लग रहा है कि समाज एकजुट है। ऐसे में समाज को हक और अधिकार से कोई वंचित नहीं रख सकता है। श्री महतो ने कहा कि विश्वकर्मा समाज के लोगों को जब भी उनकी जरूरत होगी, वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार विश्वकर्मा समाज की मांगों को पूरा करे अन्यथा आंदोलन किया जायेगा।
रैली को पूर्व विधायक गौतम सागर राणा, देवशरण भगत, अर्जुन शर्मा, संजय कुमार, देवराज शर्मा, प्रदीप शर्मा, लक्ष्मण राणा, शंकर विश्वकर्मा, दिलीप शर्मा, रमेश मिस्त्री, अरुण कुमार ठाकुर, शिव किशोर शर्मा, संतोष कुमार, मनोज विश्वकर्मा, राजेश शर्मा, कृष्णा शर्मा, रमेश शर्मा, संदीप शर्मा, दीपक राणा, अरविंद शर्मा, शशि भूषण शर्मा, संजीत शर्मा, रंजीत शर्मा और बिट्ट शर्मा सहित कई गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। संचालन सन्तन शर्मा ने किया।
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