साधारण मोटर मैकेनिक का बेटा गोपाल विश्वकर्मा आर्मी में दिखायेगा दम
धनबाद। बुलन्द हौंसले, दिल में देश के प्रति जज्बा और कुछ कर गुजरने की तमन्ना ने एक साधारण मोटर मैकेनिक के बेटे को सेना में सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। धनबाद जिले के थाना मधुबन क्षेत्र के बुधरा निवासी संजय विश्वकर्मा का सबसे छोटा पुत्र गोपाल कुमार विश्वकर्मा आर्मी की टेक्निकल कोर में भर्ती हुआ है। गोपाल के पिता संजय विश्वकर्मा व माता निर्मला देवी बहुत खुश हैं। उन्हें खुशी है कि उनका बेटा देश की सेवा के लिये चयनित हुआ है।
गोपाल के पिता संजय एक साधारण मोटर मैकेनिक का काम करके अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। वह ज्यादातर अस्वस्थ भी रहते हैं, ऐसे में उनका बड़ा बेटा ही प्राइवेट जॉब कर भाई—बहन का पढ़ाई का खर्च चलाता है। इनके पास न तो इतनी अच्छी आमदनी है और न ही अपना मकान। सरकारी जमीन पर किसी तरह कच्चा मकान बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं। वह भी मन मे डर बना रहता है कि कब टूटेगा?
संजय बताते हैं कि उनको चार संतान हैं जिसमें सबसे बड़ा बेटा राहुल जो प्राइवेट जॉब करता है। उसके बाद दो बेटी मनी व गुड़िया इण्टर की पढ़ाई कर रही हैं। सबसे छोटा पुत्र गोपाल है जो कि बचपन से ही मेहनती एवं लगनशील था। उसकी सफलता पर पूरा परिवार खुश है। वह बताते हैं कि गोपाल ने झारखण्ड बोर्ड से मैट्रिक में 64 प्रतिशत व इण्टर में 62 प्रतिशत अंक लाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
गोपाल की पढ़ाई के दौरान ही उसके दादा का देहान्त हो गया। घर की स्थिति दयनीय हो गई थी जिसके कारण गोपाल को बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। फिर कुछ दिनों बाद चाचा पंकज शर्मा ने आगे की पढ़ाई कराई। पंकज शर्मा बताते हैं कि गोपाल सुबह चार बजे ही जागकर कोयला खादानों के बीच महेशपुर मैदान में फिजिकल की तैयारी करने जाता था और वहां से वापस आकर स्कूल जाता था। गोपाल के घर मूलभूत सुबिधा नहीं रहने की बजह से अपने दोस्त अंकित कुमार के घर पर रह कर तैयारी किया। इसी बीच आर्मी की भर्ती निकली और 7 अक्टूबर 2017 को मोराबादी स्टेडियम रांची में सेलेक्ट हो गया। गोपाल को ट्रेनिंग के लिये 13 मार्च 2018 को आर्मी ट्रेनिंग सेण्टर लखनऊ भेजा गया है। उसे आर्मी टेक्निकल (आर्मी मेडिकल कोर) ब्रांच मिला है।
गोपाल की पारिवारिक स्थितियों से वाकिफ लोगों ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया है कि अपनी कड़ी मेहनत से गोपाल ने सफलता हासिल किया है। वह देश की सेवा तो करेगा ही साथ ही घर की स्थिति में भी सुधार आ जायेगा।
गोपाल अपनी सफलता का श्रेय माता—पिता के अलावा अपने चाचा पंकज व दोस्तों को देते हैं। गोपाल कुमार विश्वकर्मा बतलाते हैं कि मुझे इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत ही संघर्षों का सामना करना पड़ा है। मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत किया है। कहा कि गरीबी के कारण मैं आर्मी ऑफिसर नहीं बन पाया हूं पर इसके लिए दिन—रात मेहनत एवं अथक प्रयास करूंगा जिससे मेरा सपना साकार हो सके। मैं अपने समाज के बच्चों को शिक्षा में सहयोग के लिये हमेशा तत्पर रहूंगा।
गोपाल कहते हैं—
क्या यह देश उन्हीं का है जो युद्धों में मर जाते हैं,
अपना खून बहाकर टीका सरहद पर कट जाते हैं।
ऐसा युद्ध वतन के खातिर सबको लड़ना पड़ता है,
संकट की घड़ी में सबको सैनिक बनना पड़ता है।
कहने को सम्राट बड़ा है और सुखी धनवान है,
सबसे बड़ा वही है जो जंग में होता बलिदान है।
जय हिन्द—जय भारत
प्रस्तुति—श्रवण कुमार शर्मा