एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा को विश्वकर्मा गौरव रत्न सम्मान से किया सम्मानित
वाराणसी। प्राचीन पंचमुखी श्री विश्वकर्मा मंदिर विश्वकर्मा घाट, राजघाट वाराणसी के प्रांगण में प्राचीन पंचमुखी श्री विश्वकर्मा मंदिर न्यास परिषद के तत्वावधान में विश्वकर्मा समाज द्वारा हंसराज विश्वकर्मा (विधान परिषद सदस्य एवं जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी वाराणसी) का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पंचमुखी भगवान विश्वकर्मा के पूजन से प्रारंभ किया गया तत्पश्चात प्राचीन पंचमुखी भगवान विश्वकर्मा न्यास परिषद के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी तथा विश्वकर्मा समाज के लोगों द्वारा हंसराज विश्वकर्मा का माल्यार्पण, अंगवस्त्रम् से स्वागत सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट सोनभद्र के संरक्षक इंजीनियर श्रीनाथ प्रसाद विश्वकर्मा द्वारा साल भेंट कर सम्मानित किया गया।अध्यक्ष सुदामा विश्वकर्मा द्वारा भगवान विश्वकर्मा की कांस्य प्रतिमा भेंट की गई। जनपद अध्यक्ष वाराणसी नागेंद्र शर्मा द्वारा विश्वकर्मा महात्म्य किट एवं श्रीमद् विश्वकर्मा महापुराण भेंटकर सम्मानित किया गया। जनपद सचिव वाराणसी घनश्याम विश्वकर्मा द्वारा ट्रस्ट का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। ट्रस्ट के सम्मानित सदस्य सदानंद विश्वकर्मा द्वारा विश्वकर्मा गौरव रत्न सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। अंत में महासचिव विश्वकर्मा वी0के0 शर्मा द्वारा हंसराज विश्वकर्मा के व्यक्तित्व, कृतित्व, लगन, मेहनत, राजनैतिक दूरदर्शिता एवं समाज के प्रति निष्ठा से संबंधित विवरण पर प्रकाश डाला गया तथा संबंधित अभिनंदन पत्र हंसराज विश्वकर्मा को भेंट कर उनका स्वागत सम्मान किया गया।
अपने उद्बोधन में हंसराज विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि समाज पहले याचक की भूमिका में था अब वह स्वयं में सक्षम एवं समर्थ हो रहा है। मेहनत, लगन एवं कर्तव्य निष्ठा से व्यक्ति समाज में अपनी जगह एवं पहचान बनाता है। विश्वकर्मा समाज से अपील है कि वह अपने बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षित करें एवं डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, आईएएस, एवं पीसीएस बनाने का प्रयास करें। घर में महिलाओं की इज्जत को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, किसी भी महिला के ऊपर हाथ ना उठाएं।
विश्वकर्मा समाज के भगवान विश्वकर्मा के जितने भी मंदिर एवं धर्मशाला स्थापित हैं उनके पुनरोद्धार हेतु सरकार से अधिक से अधिक सहयोग प्रदान कराऊंगा। जहां तक संभव हो सकेगा स्वयं के सौजन्य से भी सहयोग प्रदान करने का कार्य करूंगा, यह उनके जेहन में बसा हुआ है। समाज के सुख-दुख में सदैव तत्पर रहूंगा। समाज का कोई भी व्यक्ति समाज के किसी भी व्यक्ति का चट्टी चौराहे पर शिकवा शिकायत ना करें जहां तक संभव हो सके उस व्यक्ति से वार्ता करने का प्रयास करें। इससे समाज में आपसी प्रेम एवं बंधुत्व का भाव बढ़ेगा। बेटे बेटियों की शादी में निष्पक्षता पूर्वक ईमानदारी से शादी ब्याह कराया जाए, जिससे कि शादी के बाद अनावश्यक विवाद न होने पाए।
अंत में हंसराज विश्वकर्मा द्वारा प्राचीन पंचमुखी श्री विश्वकर्मा मंदिर को भव्य से भव्यतम् बनाने, घाट का नाम विश्वकर्म घाट रखने हेतु प्रयास का आश्वासन दिया गया। आयोजन समिति, उपस्थित सामाजिक संगठनों एवं विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट सोनभद्र का हृदय से आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत नंदलाल दास तथा कार्यक्रम का सफल संचालन घनश्याम विश्वकर्मा एवं सहयोग इंजी0 वी0के0 शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में विश्वकर्मा बंधुओ ने भाग लिया।