बेटियों की राह आसान बना रहीं कोमल पांचाल

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समालखा। पट्टीकल्याणा की 15 वर्षीय कोमल पांचाल कुश्ती के 40-42 किग्रा में देश-विदेश में हरियाणा का नाम रोशन कर रही है। उसे कुश्ती की प्रेरणा गांव की बहू और हरियाणा पुलिस की अधिकारी कमलेश पहलवान से मिली। अब कोमल की प्रेरणा से गांव में महिला पहलवानों की फौज खड़ी हो गई है। ग्रामीण इसका उदाहरण देकर बच्चियों को कुश्ती व अन्य खेलों में भेज रहे हैं। कोमल के कारण गांव की करीब 60 बच्चियां खेलों में भाग्य आजमा रही है।
कोमल पांचाल ने 2017 में गांव के बाबा ज्ञानी राम अखाड़ा से कुश्ती की शुरूआत की थी। कोच कृष्ण पहलवान के मार्गदर्शन में ढाई साल की कड़ी मेहनत के बाद वह स्कूली प्रतियोगिता से जिला, प्रदेश, राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई। गांव की बेटी की शोहरत से गुरु मलखान सिंह पहलवान खेल समिति सहित ग्रामीणों में खुशी है।
कोमल की उपलब्धि—
कोमल ने एशियन चैम्पियनशिप, जापान में 36 किग्रा के अंडर-15 वर्ग में गोल्ड मेडल, अंडर-17 एशियन चैम्पियनशिप, कजाखस्तान में 40 किग्रा भार में रजत पदक, अंडर-17 व‌र्ल्ड चैम्पियनशिप, बुल्गारिया में 40 किग्रा में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। भारतीय कुश्ती महासंघ ने नवम्बर में होने वाली एशियन चैम्पियनशिप अंडर-15 के लिए उसका चयन कर लिया है। इसके अतिरिक्त कोमल राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर भी दर्जनों मेडल जीत चुकी है।
खिलाड़ियों में जोश—
कोमल की प्रेरणा से गांव की तान्या, काफी, कार्तिका, मयंक, कशीश, अंकिता, तमन्ना, नीरज आदि महिला पहलवान भी जिला व राज्य स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। उनमें कोमल की तरह बनने की ललक है।

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