नृत्य के क्षेत्र में बुलन्दियों को छू रही हैं कथक नृत्यांगना यामिनी
पटना। बहुमुखी प्रतिभा की धनी, राज्य कला सम्मान, आम्रपाली युवा अवॉर्ड (राष्ट्रीय सम्मान) से सम्मानित यामिनी प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना, उद्घोषिका, चित्रकार व लेखिका हैं। यामिनी वर्तमान में शिक्षा विभाग, पटना विमेन्स कॉलेज में सहायक प्राध्यापक पद पर आसीन हैं। साथ ही स्पीक मैके की स्टेट असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर तथा उपाध्यक्ष व संयोजिका के रूप में भी संस्कार भारती पटना इकाई से जुड़ी हैं। वह संगीत शिक्षायतन पटना की संस्थापक व मुख्य ट्रस्टी भी हैं।
विभिन्न गुरुजन के आशीर्वाद और मार्गदर्शन की लाभार्थी यामिनी ने नृत्य, संगीत, चित्रकला, अभिनय को सीखा। प्रथम नृत्य गुरु, सुप्रसिद्ध श्रीमती राखी नियोगी चौधरी, भारत के पहले नृत्य में डॉक्ट्रेट, गुरु डॉ0 नागेन्द्र प्रसाद मोहिनी, विश्व प्रसिद्ध माइम गुरु कमल नस्कर (कोलकाता) से मईम (मुकाभीनाय) हैं।
आपकी एक विशिष्टता कविताओं की नृत्यमय प्रस्तुति भी है, जो नृत्य में अग्रणी व्यक्तिव में शामिल करता है। राष्ट्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के चयनित सलाहकार समिति में सदस्य तथा इंडिया रेडियो से ग्रेडेड कलाकार यामिनी शर्मा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, भारत सरकार, संस्कृति विभाग, बिहार सरकार, तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन पटना की बेहतरीन उद्घोषिका हैं।
यामिनी ने लेखन, अध्यापन में रुचि के साथ नृत्य प्रस्तुति के नए आयाम दिए हैं। भावपूर्ण नृत्य की एक मिशाल ज्ञानवाणी पटना, इग्नू के लिए “साधना कथक की..” शैक्षणिक सीरियल का कार्यक्रम की स्क्रिप्टिंग, और निर्देशन भी किया है। गोपा, आम्रपाली, कामायनी, चित्रांगदा, वीरांगना, रस घट आदि नृत्य नाटिका मील का पत्थर है। यामिनी का अभिनय मंच कलाकार के रूप में स्थापित करने वाले पितातुल्य सुमन कुमार की गोपा नाटिका से शुरुवात हुई। यामिनी के कई रिसर्च पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित होते रहते हैं।
वह बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग के पाठ्यक्रम सामग्री निर्माण तथा समीक्षा पैनल की एक्टिव सदस्य है। चित्रकला, संगीत, सौंदर्य व स्वास्थ्य संवर्धन आदि की ये किताबें कक्षा 8 से 12वीं तक पढ़ाई जाती है। संगीत शिक्षायतन पटना की फाउंडर और चीफ ट्रस्टी यामिनी, कला के प्रति समर्पित सामाजिक योगदान के लिए अग्रसर कलाकार हैं। यामिनी को उनका हुनर निखारने में मुख्य गुरु सुमन कुमार, माता रेखा शर्मा व पिता हरिश्चंद्र शर्मा का योगदान प्रसंशनीय रहा है।
प्रस्तुति-
अमरनाथ शर्मा, पटना