विश्वकर्मावंश के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया- रामआसरे विश्वकर्मा

मुजफ्फरनगर। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्वमन्त्री रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है जिससे विश्वकर्मा समाज की वास्तविक पहचान आज तक नहीं बन पायी। आज विश्वकर्मा समाज की पूरे देश में उपेक्षा हो रही है। हम सभी विश्वकर्मा बन्धुओं को भगवान विश्वकर्मा और उनके वंशजों के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाना होगा। समाज के सम्मान-स्वाभिमान, पहचान और अस्तित्व बचाने के लिए हम सभी को संघर्ष करना होगा। पूर्वमन्त्री श्री विश्वकर्मा पांचाल मानव सेवा संस्थान मुजफ्फरनगर द्वारा बामन हेड़ी रुड़की रोड मुजफ्फरनगर में आयोजित विश्वकर्मा भवन धर्मशाला मंदिर निर्माण के भूमिपूजन एवं शिलान्यास अवसर पर आयोजित समारोह में यह बात कही।
पूर्वमन्त्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ही हमारे आराध्य देव हैं और इन्हीं से हमारी पहचान है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा हमारे गौरव और सम्मान से जुड़ा है। हमने उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में विश्वकर्मा पूजा की सरकारी छुट्टी घोषित करायी थी।भाजपा सरकार ने उसे निरस्त कर भगवान विश्वकर्मा का अपमान कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को निर्माण के देवता के रूप जाना जाता है। भगवान शिव को सोने का महल भगवान कृष्ण को द्वारिकापुरी भगवान इन्द्र को इन्द्रपुरी तथा यम को यमपुरी और भगवान राम के लिये पुष्पक विमान का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था। देश और दुनिया के विकास और तकनीकी निर्माण में भगवान विश्वकर्मा और उनके वंशजो का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सूचना क्रान्ति के जनक सैम पित्रोदा तथा सरदार पटेल के मूर्ति का प्रारूपकार राम वी सुतार तथा साइकिल के आविष्कारक अस्ट्रेलिया के मैकमिलन तथा होंडाकार का आविष्कार करने वाले जापान के साइचिरो होंडा सभी विश्वकर्मा समाज के थे। देश का विकास और निर्माण विश्वकर्मा समाज से ही प्राम्भ हुआ।
श्री विश्वकर्मा ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन और भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह विश्वकर्मा समाज में पैदा होकर विश्वकर्मा समाज का नाम आगे बढ़ाया। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव ने राम आसरे विश्वकर्मा को शिक्षामन्त्री बनाया था।अगर उत्तर प्रदेश में विश्वकर्मा समाज का विधायक और मन्त्री बन सकता है तो दूसरे राज्यों में विश्वकर्मा समाज का मन्त्री और विधायक क्यों नहीं बन सकता। देश व प्रदेश की सरकारों ने विश्वकर्मा समाज को न तो विधायक-मन्त्री बनाया और न सरकार में भागीदारी दी। समाज के विकास की कोई योजनाएं भी नहीं बनायी, यही कारण है कि विश्वकर्मा समाज की सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक क्षेत्र में भागीदारी न के बराबर है।समाज को आबादी के अनुरूप लोकसभा राज्यसभा विधानसभा और सरकार में हिस्सेदारी नहीं दी गयी। हमारे लोहे और लकड़ी के कारोबार और रोजगार के लिये न तो कानून बनाया गया और न योजनाएं चलायी गयी। आरक्षण के तहत विश्वकर्मा समाज के युवकों को नौकरी व सम्मान नहीं दिया गया। हम अनेक संस्थाओं और पार्टियों में बंटे और बिखरे होने के कारण एकजुट नहीं हो सके, न तो हम विश्वकर्मा समाज की सामाजिक ताकत बन पाये और न राजनैतिक हिस्सेदारी ले पाये। समाजवादी पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने विश्वकर्मा पूजा पर सरकारी अवकाश घोषित करके तथा समाज के इण्टर पास विश्वकर्मा समाज के लडको को आईटीआई का प्रमाण पत्र और वर्कशाप के लिये ग्रामसभा का पट्टा देने का आदेश जारी करके विश्वकर्मा समाज को मजबूत किया था जिसे भाजपा सरकार में निरस्त करके हमारी पहचान मिटाने का प्रयास कर रही है। भाजपाराज में विश्वकर्मा समाज के ऊपर लगातार उत्पीड़न, अत्याचार और हत्याये हो रही है। न तो सरकार सुनवाई कर रही है और न पुलिस कार्यवाही कर रही है। श्री विश्वकर्मा ने राज्य के सभी नेताओं से अपने अधिकारों के लिये एकजुट होने पर जोर देते हुये कहा कि इस संघर्ष में उनका सहयोग करें ताकि आगे आने वाले दिनों में विश्वकर्मा समाज के सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी जा सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बिशम्भर पांचाल तथा संचालन रविदत्त धीमान ने किया। शिलान्यास समारोह को ओमकार मुनि महाराज गुजरात, संजय माणिक लाल गुजरात, सन्तमुनि शिवानन्द महाराज, बाबा भूरानाथ, आचार्य संत जगदीश महाराज, देशपाल पांचाल, ओमपाल पांचाल, रमेश चन्द पांचाल, नरेश आर्य, एस0पी0 सिंह, रोशनी पांचाल, फिल्म अभिनेता दिवाकर विश्वकर्मा, शिवकुमार आर्य सहित आदि लोगों ने सम्बोधित किया।
-शिव प्रकाश विश्वकर्मा