वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री का नाम

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गया। पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी को फ्री छेनी—हथौड़ा देने वाले शिवू मिस्त्री का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। हैमर मैन शिवू मिस्त्री ने दशरथ मांझी को 22 साल तक फ़्री छेनी-हथौड़ा दिये पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाने के लिए। इस ऐतिहासिक व साहसिक सेवा के लिए हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री का नाम वर्ष 2019 में हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
विदित हो हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री गया जिले के वजीरगंज प्रखण्ड के दखिनगांव ग्राम के निवासी हैं। वे वजीरगंज बस पड़ाव के पास शिव कॉलोनी में रहते हैं। ज्ञात हो कि उस ऐतिहासिक छेनी और हथौड़े को गया संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। उनकी इस उपलब्धि पर बिहार ही नहीं, भारत को गर्व है। वे गरीब दशरथ मांझी को 22 वर्ष तक नि:शुल्क छेनी-हथौड़ा देकर उनके हौसले में जान फूंकते रहे। उनके दिए छेनी-हथौड़े के बल पर दशरथ मांझी ने पहाड़ का सीना चीरकर आमजनों के लिए 30 फीट का सुगम राह बनाई, जो अद्भुत तो है ही, ऐतिहासिक भी।
हथौड़ा पुरूष शिवू मिस्त्री ने दशरथ मांझी को माऊंटेन मैन (पर्वत पुरूष) बना दिया। वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपने नाम का स्थान पाकर बेहद हर्षित हैं हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री। उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 से 1982 तक लगातार फ़्री में छेनी- हथौड़ा दिया पहाड़ तोड़ कर रास्ता बनाने के लिए। अगर हम छेनी- हथौड़ा नहीं देते तो दशरथ मांझी का सपना साकार नहीं हो पाता। शिवू मिस्त्री ने बताया— ”दशरथ मांझी ने कहा कि उनके पास रूपया-पैसा नहीं, मेरे पास फूटी कौड़ी भी नहीं है। तब मैंने उसे भरोसा देते हुए कहा कि जाओ पहाड़ तोड़ो, जितना छेनी-हथौड़ा लगेगा, फ़्री दूंगा। इसी बात पर मैं उसे फ्री छेनी-हथौड़ा देता गया, और वह पहाड़ तोड़ता रहा। आख़िरकार, पहाड़ तोड़ कर रास्ता बना कर ही दम लिया। जो बहुत बड़ी उपलब्धि है।”

साभार— अंज न्यूज मीडिया

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