राजघाट पर पहली बार ज्ञानी जैल सिंह को श्रद्धांजलि देने पूरे देश से उमड़े विश्वकर्मा समाज के लोग

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दिल्ली। देश के सातवें राष्ट्रपति रहे स्व0 ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि के अवसर राजघाट स्थित समाधि स्थल पर बड़ी संख्या में पूरे देश से विश्वकर्मा समाज के लोग जुटे। ऐसा पहली बार हुआ जब ज्ञानी जैल सिंह को श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के नेतागण, विभिन्न सामाजिक संगठनों के अगुवा, समाजसेवी, संतगण राजघाट पहुंचे। ज्ञानी जी के पौत्र इंद्रजीत सिंह की अगुवाई में जुटे लोगों ने ज्ञानी जी को श्रद्धांजलि देने के साथ ही अपने विचार प्रकट किये।

सभी ने ज्ञानी जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डाला और उनके पदचिन्हों पर चलने का आवाहन किया। लोगों ने राजनीति व सत्ता में कम भागीदारी पर चिन्ता व्यक्त करते हुये विश्वकर्मा समाज के लोगों का आवाहन किया कि राजनीति में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें। जबतक विश्वकर्मा समाज का व्यक्ति सत्ता में भागीदार नहीं होगा तबतक समाज के विकास का मार्ग प्रशस्त नहीं होगा।

इस अवसर पर भगवान शरण बापू, पूर्वमंत्री रामआसरे विश्वकर्मा, विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रेमनारायण विश्वकर्मा, पंजाब के विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह सांधवा, लोकजन सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 वीरेन्द्र विश्वकर्मा, लोक समाज पार्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा, एम0के0 राजपूत, मुकुल आनंद विश्वकर्मा, भाजपा नेता महेन्द्र विश्वकर्मा, राजू पांचाल, जगदीश पांचाल, विराट विश्वकर्मा मन्दिर लखनऊ के अध्यक्ष अखिलेश मोहन, सुनील पांचाल, जिला पंचायत सदस्य राहुल शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी भरत सुथार, भाविन मिस्त्री, राजकुमार विश्वकर्मा, वेदप्रकाश शर्मा, भानू विश्वकर्मा, मनोज़ पांचाल सहित बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर ज्ञानी जैल सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित किया। वरिष्ठ समाजसेवी दिनेश कुमार वत्स व दिवाकर विश्वकर्मा ने श्रद्धांजलि सभा के आयोजन में महती भूमिका निभाई।

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