यादों के आइने में डॉ0 इन्द्रजीत प्रसाद शर्मा

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लखनऊ। जीवन के उतार-चढ़ाव को “धूप-छांव” नामक पुस्तक में कड़ी दर कड़ी पिरोने वाले उद्यान अधिकारी स्व0 डॉ0 इन्द्रजीत प्रसाद शर्मा यादों के आइने में हमेशा देखे जाएंगे। अपने सेवाकाल में सरलता और सहज व्यक्तित्व की छाप छोड़ चुके इन्द्रजीत प्रसाद ने सेवानिवृत्ति के बाद भी समय-समय पर निःस्वार्थ सेवा देकर अपने व्यक्तित्व को और निराला बना दिया था। यही कारण है कि वह अंतिम सांस तक लोगों के प्रिय बने रहे।

डॉ0 इन्द्रजीत प्रसाद शर्मा ने उद्यान अधिकारी के रूप में सबसे लम्बी सेवा राजभवन में प्रदान की। कई राज्यपालों के कार्यकाल में सेवा देते हुये सभी के प्रिय बने रहे। यहां तक कि पारिवारिक कार्यक्रमों में भी उनकी मधुरता कई राज्यपालों को अपनी चौखट तक खींच लाई।

स्व0 शर्मा के जीवन का सबसे सुखद क्षण वह रहा, जब सेवानिवृत्ति के बाद भी अपनी जीवनी पर लिखी पुस्तक “धूप-छांव” का विमोचन तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक ने राजभवन में किया। इस पुस्तक के विमोचन समारोह में सम्मिलित लोगों को राजभवन की तरफ से बतौर अतिथि जलपान कराया गया।
मूलतः देवरिया जिले के निवासी रहे डॉ0 इन्द्रजीत प्रसाद शर्मा की गिनती तेज-तर्रार उद्यान अधिकारियों में होती रही। बसपा सरकार में मुख्यमन्त्री मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट अम्बेडकर पार्क के निर्माण के दौरान सौंदर्यीकरण में उनकी विशेष भूमिका रही। उन्होंने सबसे ज्यादा सेवा राजभवन में दिया। सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रत्येक वर्ष राजभवन में होने वाले पुष्प प्रदर्शनी में उनकी मुख्य भूमिका रहती थी। अपनी बीमारी के दौरान भी वह सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। उनके बड़े पुत्र मनोज कुमार शर्मा सारथी की भूमिका अदा करते हुये प्रत्येक अवसर पर उपस्थित हो जाते थे। डॉ0 इन्द्रजीत प्रसाद शर्मा ने 7 मार्च 2020 को अपने संजयगांधीपुरम स्थित आवास पर अन्तिम सांस ली। अब उनका व्यक्तित्व ही समाज के लिये प्रेरणा स्रोत है। उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर 7 मार्च को उनके संजयगांधीपुरम स्थित निवास पर पुण्यतिथि समारोह आयोजित किया गया। परिजनों के साथ ही उपस्थित लोगों ने उन्हें यादकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।

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