कर्नल (मानद) पार्वती जांगिड़ का नाम “हार्वर्ड वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स व इण्डिया बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड्स” में दर्ज

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दिल्ली। भारतीय रक्षा बलों का सम्मान करते हुए एक मातृ शक्ति द्वारा सबसे लम्बा अंतरराष्ट्रीय सीमा अभियान का पार्वती जांगिड़ ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। वह विश्व की इकलौती शख्सियत है जिसने अपने सुरक्षा बलों के साथ ऐसे साहसिक अभियानों को अंजाम दिया है। कर्नल (मानद) पार्वती के फौज के साथ साहसिक कार्यों और अभियानों को मान्यता देते हुए ‘‘हार्वर्ड वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स व इण्डिया बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड्स‘‘ ने 10 से ज्यादा वर्ल्ड रिकाॅर्ड दर्ज कर, पार्वती का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया और इनके सम्मान में मेडल्स व प्रमाण पत्र जारी किये। इस अवसर पर चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चैहान ने काॅल कर बधाईयां दी। इन रिकॉर्ड किट को सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय, नई दिल्ली में अनबॉक्स कर पार्वती को सौंपे गये।

पार्वती को मेडल्स पहनाते हुए सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय में तैनात डीआईजी दिनेशपाल सिंह ने कहा कि हमें गर्व है कि कर्नल पार्वती जैसी न सिर्फ हमारे पूरे बल की बहन है बल्कि वह भारत के सारे सुरक्षाबलों और सेना की प्यारी बहन है। इनके कार्यों से सीमा सुरक्षा बल प्रभावित है। डीआईजी हरिलाल ने कर्नल पार्वती का सम्मान करते हुए कहा कि पूरा बल पार्वती को “सिस्टर ऑफ़ बीएसएफ” कहते हुए गौरवान्वित महसूस करता है। मुझे याद है 3 साल पहले जब मैं जम्मू सेक्टर का डीआईजी था तब पार्वती जम्मू कश्मीर के दुर्गम इलाकों में सीमा प्रहरियों का हौंसला बढ़ाने पहुची थी। इनके कार्यों और बॉर्डर के प्रवासों, जवानों की समस्याओं का उचित समाधान कराने से जवानों का आत्मविश्वास उच्चकोटि का हो जाता है।

इस अवसर पर पार्वती ने कहा कि ये सम्मान मैं समस्त फौजी भाई बहनों को समर्पित करती हूं। मेरे इन कार्यों, फौज के साथ सीमा जागरण अभियान का उद्देश्य वर्ल्ड रिकोर्ड दर्ज कराने का नहीं था, लेकिन जब 101 दिन के लिये फौज के साथ ‘‘सुरक्षित सीमा – समर्थ भारत‘‘ यात्रा पर थी तब एक उच्चाधिकारी ने कहा कि बहन आप जो कर रही हैं मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत ही नहीं बल्कि विश्व में कोई सिविलियन ऐसा नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि, कोई भी अपनी सेना के लिए ऐसा नहीं कर रहा होगा, यह अद्वितीय है, आप इसे विश्व रिकॉर्ड व इण्डिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के लिए भेजिये। उनकेे कहने पर मैंने रिकॉर्ड आवेदन फाइल किया, दो माह के प्रोसेस के बाद आखिरकार मेरे इन कार्यों ने 10 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये और ‘‘हार्वर्ड वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स व इण्डिया बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड्स‘‘ में नाम दर्ज हुआ।

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