धूमधाम से मनाई गई जगत शिल्पी विश्वकर्मा भगवान की जयन्ती
सतना। श्रेष्ठश्रम को साधना और समर्पण वृद्धि की जोड़ मिले तो समाज में नि:संदेह समृद्धि होगी। श्रम से अर्थोत्पादन होता है और अर्थ ही इच्छापूर्ति का साधन है। श्रम ही यज्ञ है साधन और अनुसंधान उसके उपचार हैं। कुशलता इस साधन की उपलब्धि है। भगवान विश्वकर्मा जी ने अपने श्रेष्ठ कार्यों के द्वारा श्रम को सार्थक बनाया है। ऐसे भगवान विश्वकर्मा जी की जयन्ती आज़ाद चौक स्थित सभाभवन सतना में धूमधाम से मनाई गई। सुबह से ही आज़ाद चौक स्थित सभाभवन में पूजा के लिए लोग पहुंचे और प्रसाद वितरण किया। विश्वकर्मा जयन्ती के अवसर पर सभाभवन में पूजा-पाठ व हवन किया गया। इस मौके पर आज़ाद चौक स्थित सभाभवन को बड़े ही भव्यता से सजाया गया, तथा भंडारे का आयोजन किया गया।
जयन्ती समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस कार्यक्रम में विश्वकर्मा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष कामता विश्वकर्मा, युवा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र गुड्डू विश्वकर्मा, कमल विश्वकर्मा, अमित विश्वकर्मा (भटनवारा), जयदेव विश्वकर्मा (भटनवारा), अशोक सेमरा, केशव, रामेश्वर, लक्ष्यधारी, रामु, त्रिभुवन, जमुना, विनय, चन्देश, विन्देश, मंगलेश, रितेश, नारायण, देवेंद्र, पुष्पेंद्र, पंकज, महेंद्र, अरुण आदि लोग मौजूद रहे।
-जयदेव विश्वकर्मा, सतना, मो0- 9584995363