भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा फर्क- प्रवीण धीमान

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नोयडा। भाजपा की कथनी और करनी में बहुत फर्क है, वह सिर्फ पिछड़ों की हितैषी होने का नाटक करती है। जब बात भागीदारी की आती है तो उसका हिडेन एजेंडा सामने आ जाता है। यह बात आम आदमी पार्टी के नेता एवं पूर्व प्रत्याशी प्रवीण धीमान ने कही है। कहा कि भाजपा का सबका साथ-सबका विकास व सबका विश्वास का नारा झूठा साबित हो रहा है। श्री धीमान ने कहा कि यूपी में 2017 में गठित विधानसभा से लेकर 2022 की विधानसभा तक सदन में एक भी विश्वकर्मा, धीमान समाज का प्रतिनिधि नहीं है। प्रतिनिधि न होने के कारण सत्ता में भागीदारी भी नहीं है। सबका साथ-सबका विकास का नारा देने वालों ने भागीदारी की तरफ ध्यान भी नहीं दिया। अब जाकर एक एमएलसी बनाया है जिसे मन्त्री बनाकर भागीदारी देने की बजाय वोट हथियाने के लिये कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

आप नेता प्रवीण धीमान ने कहा कि यह भाजपा घोर जातिवादी, परिवारवादी और ब्राह्मणवादी पार्टी है जिसका ताजा उदाहरण डॉ0 दिनेश शर्मा को राज्यसभा के लिये नामित करना है। यदि  भाजपा पिछड़ों की हितैषी है तो वह विश्वकर्मा समाज के किसी नेता को राज्यसभा भेजकर अपने नारे सबका साथ-सबका विकास का उदाहरण प्रस्तुत कर सकती थी। परन्तु वह तो पिछड़ों की घोर विरोधी है, पिछड़ों को सिर्फ लॉलीपॉप दिखाकर वोट लेने का काम करती है। कहा कि ब्राह्मणवादी पार्टी ने राज्यसभा प्रत्याशी के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा को उतार कर अपना ब्राह्मणवादी चेहरा उजागर कर दिया है। विश्वकर्मा समाज सतारूढ़ पार्टी भाजपा की ऐसे ब्राह्मणवादी रवैया अपनाने की निंदा करता है और विरोध करने पर मजबूर हो रहा है। विश्वकर्मा, धीमान, पांचाल, जांगीड़, सुथार समाज ने आने वाले चुनावों में भाजपा का बहिष्कार कर इसका जवाब देने का निश्चय कर लिया है।

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