एंजेल राजोतिया ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में हासिल किया वजीफा
चंडीगढ़। ऐंजल राजोतिया ने कनाडा के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय वजी़फा हासिल करके जांगिड़ समाज का गौरव बढ़ाया है। जांगिड़ समाज की बेटी, बहुआयामी प्रतिभा की धनी, पूर्व सांसद पंडित रामजी लाल की नातिन, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पूर्व अपर निदेशक लीलाधर राजोतिया की पौत्री, पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अरविंद राजोतिया की भतीजी और चंडीगढ़ प्रशासन में नियुक्त उप निदेशक प्रवीन राजोतिया की सुपुत्री कार्मल कॉन्वेंट स्कूल, चंडीगढ़ की छात्रा, ऐंजल राजोतिया ने टोरोंटो विश्वविद्यालय, टोरोंटो द्वारा प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले अति प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्धात्मक छात्रवृत्ति पुरस्कार, अन्तर्राष्टीय लेस्टर् बी पीयरसन को पाकर पूरे जांगिड़ समाज को गौरवान्वित किया है। यह अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति पुरस्कार प्रतिवर्ष विश्वभर से कुल 37 ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को दिया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष शैक्षणिक उपलब्धि, सृजनात्मकता और नेतृत्वता के गुणों से परिपूर्ण और पारंगत होते हैं। ऐंजल कनाडा से इंजीनियरिंग सांइस में 5 वर्षीय अवर स्नातक की डिग्री हासिल करेंगी जिसमें एक वर्ष की पेड इन्टर्नशिप भी शामिल है। इस छात्रवृत्ति पुरस्कार में 4 वर्ष तक ऐंजल की पूरी ट्यूशन व इनसीडैन्टल फीस, किताबें, आवासीय सुविधायें, निःशुल्क भोजन इत्यादि शामिल हैं।
ऐंजल की विद्वता और पारंगतता का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका दाखिला कनाडा के एक और विश्वविद्यालय के साथ-साथ अमेरिका और आस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में भी प्रतिस्पर्धा के आधार पर हो गया है। लेकिन उसकी प्राथमिकता कनाडा ही रही है। प्रतिभाशाली ऐंजल ने प्रारंभ से ही पढ़ाई, खेलों और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कक्षा 12वीं के नॉन मैडिकल स्ट्रीम में 98.8 % अंक प्राप्त कर अपने स्कूल में टॉप किया है। इसी प्रकार वह 10वीं कक्षा की सी.बी.एस.ई. बोर्ड परीक्षा में भी 97.4 % अंक हासिल करके अपनी श्रेष्ठता को साबित कर चुकी हैं। उन्हें चण्डीगढ़ प्रशासन की महिला बास्केटबॉल टीम का राष्ट्रीय स्तर के स्कूल खेलों में कई बार प्रतिनिधित्व करने का गौरव भी प्राप्त हुआ।
तीक्ष्ण बुद्धि और बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी ऐंजल ने एक साक्षात्कार में बताया कि यह छात्रवृत्ति हासिल करके उनका सपना साकार हुआ है। इसका श्रेय वह कठिन परिश्रम, बेहतर समय- प्रबंधन के साथ-साथ अपने सम्पूर्ण परिवार को, विशेषकर अपनी मां डॉ0 निशा , पिता और अपने छोटे भाई अयान को देती हैं। इसके साथ ही वह अपनी दादी पार्वती देवी का भी आभार व्यक्त करना नहीं भूलती, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनको कनाडा में दाखिले का पत्र अगस्त महीने में ही प्राप्त हुआ है।
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा उनके उज्जवल और मंगलमय भविष्य की मंगल कामना करते हुए आशा करती है कि वह भविष्य में भी समाज का नाम इसी प्रकार गौरवान्वित करती रहेंगीं।
-राम भगत शर्मा, चंडीगढ़