ज्ञानी जैल सिंह के संघर्षों से प्रेरणा ले विश्वकर्मा समाज- इं0 विजेश शर्मा
सहारनपुर। पूर्व राष्ट्रपति स्व0 ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि अवसर पर अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इं0 विजेश शर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज को ज्ञानी जैल सिंह के संघर्षों से प्रेरणा लेनी चाहिये। साधारण परिवार में जन्म लेने के बावजूद वह देश के राष्ट्रपति की कुर्सी पर विराजमान हुये, उनके संघर्ष का ही परिणाम है। देश की आज़ादी की लड़ाई में भी उनका योगदान सदैव याद किया जाता है। अंग्रेजों से लड़ते हुये कई बार जेल जाना पड़ा इसीलिये लोग उनको जेल सिंह कहने लगे। फिर उन्होंने स्वयं सुधार करते हुये अपना नाम जैल सिंह कर लिया।
इं0 शर्मा ने कहा कि पंजाब प्रदेश के संधवा में जन्में ज्ञानी जैल सिंह दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति थे। उन्होंने राजनीतिक पारी शुरू की तो कभी रुकने का नाम ही नहीं लिया। पंजाब के मुख्यमन्त्री, देश के गृहमन्त्री फिर देश के राष्ट्रपति तक का उनका सफर अविस्मरणीय रहेगा। उनके संघर्ष की दास्तान हम सभी को प्रेरणा देती है। गरीबों, पिछड़ों और वंचितों के लिये वह सदैव लड़ते रहे। हिन्दी के प्रति उनका अगाध प्रेम था। राष्ट्रपति रहने के दौरान प्रायः उनके भाषण हिंदी में ही हुआ करते थे। एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद 25 दिसम्बर, 1994 को उन्होंने अंतिम सांस ली। हम सभी उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुये, उनके संघर्षों को याद कर प्रेरणा लेते हुये आगे बढ़ें, सफलता अवश्य मिलेगी।
बता दें कि अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा सहारनपुर ने महासभा के कार्यालय पर ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था। उपस्थित लोगों ने ज्ञानी जैल सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि दी। महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इं0 विजेश कुमार शर्मा ने ज्ञानी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ज्ञानी जी समाज के आदर्श महापुरुष हैं जिनसे हमें प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों को आगे बढ़ाना चाहिये यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। महासभा के जिला अध्यक्ष अधिवक्ता अशोक कुमार ने कहा कि स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह समाज के प्रेरणास्रोत थे जिन्होंने समाज की उन्नति और प्रगति के लिए कई ऐसे कार्य किए जिनके बल पर आज समाज निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने पंजाब ही नहीं संपूर्ण देश के उत्थान के लिए कार्य किए। वह समाज के मार्गदर्शक ही नहीं एक महान प्रेरणास्रोत थे जिनके सिद्धांतों का अनुसरण किया जाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर राम कुमार धीमान, अर्जुन धीमान, समीर पांडे, संजय शर्मा, वरून पांचाल, इं0 सतीश धीमान, नदीम खान, शुभम गुप्ता, अनीश भाई, रिहान, हिमांशु कुमार वर्मा, अहसान अहमद, इम्तियाज अली, आजम भाई, अशोक कुमार शर्मा, सरफराज, शादाब, विकास शर्मा आदि उपस्थित थे।