अहमदाबाद में आयोजित भगवान विश्वकर्मा कथा मे उमड़ा जन सैलाब
अहमदाबाद। श्री विश्वकर्मा लुहार सुथार पांचाल समाज कथा समिति के तत्वावधान में भगवान विश्वकर्मा कथा का आयोजन अहमदाबाद में किया गया। एक सप्ताह तक चले इस संगीतमय कथा में हजारों लोगों ने कथा सुना। प्रसिद्ध विश्वकर्मा कथावाचक जयन्ती भाई शास्त्री के श्री मुख से भगवान विश्वकर्मा जी की संगीतमय कथा का सभी ने रसपान किया।
कथा का आयोजन धर्म प्रचार हेतु 7 जून से 13 जून तक वस्त्राल विश्वकर्मा धाम में प्रतिदिन रात 8:30 बजे से 11:30 बजे तक किया गया था। पहले दिन राष्ट्रीय संत अमरदास बापू एवं संत शिलागिरी माताजी (विश्वकर्मा वंशी) ने दीप प्रज्जवलित करके कथा का शुभारम्भ करवाया। इससे पहले कथा के मुख्य यजमान प्रवीणभाई परमार के निवास स्थान से बड़ी धूमधाम से विशाल शोभायात्रा अहमदाबाद के राजमार्ग पर हजारों लोगों के साथ निकाली गई। कथा के सात दिन गुजरात की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं हजारों विश्वकर्मा परिवार ने कथा श्रवण का लाभ लिया।
कथा के दौरान गुजरात सरकार के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा, विधायक जगदीश पांचाल, ओबीसी कमिश्नर के0जी0 वनझारा, गुजरात के सेवानिवृत्त डीआईजी डी0जी0 वनझारा एवं सणादर बनासकांठा विश्वकर्माधाम के संत अंकुशगिरी बापू की खास उपस्थिति रही। इस कथा में महाराष्ट्र परभणी के विश्वकर्मा वंशीय समाजसेवी नागोराव पांचाल भी उपस्थित रहे और समाज को सम्बोधित किया। कथा के दौरान विश्वकर्मा वंशीय कलाकारों को मंच से अपने भजन एवं कला प्रस्तुति करने का मौका भी दिया गया। इसमें गुजरात के सुप्रसिद्ध सिंगर विश्वा पांचाल, स्वाति पांचाल एवं भूमि पांचाल ने सुन्दर प्रस्तुति की। इसी के साथ ही विश्वकर्मा समाज की गौरव सुप्रसिद्ध लेखक व गायक पूनम विश्वकर्मा की खास उपस्थिति रही। कथा समिति की ओर से पूनम विश्वकर्मा का विशेष सम्मान किया गया। मंच से पूनम ने भगवान विश्वकर्मा के कई भावभरी भजन प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया।
कथा का लाईव प्रसारण गुजरात की प्रसिद्ध टीवी चैनल भक्ति एवं पूरे विश्व मे आस्था चैनल की इन्टरनेट चैनल आस्था प्राईम—1 पर भी किया गया था। कथा के दौरान विश्वकर्मा प्रागट्य, कृष्ण जन्मोत्सव, रांदल प्रागट्य, सूर्य नारायण विवाह का उत्सव बड़ी धूमधाम से वेशभूषा के साथ मनाया गया। कथावाचक जयन्ती भाई शास्त्री के श्री मुख से भगवान विश्वकर्मा की महिमा सुनकर सब धन्य हो गये।
कथा का आयोजन हेतु एक समिति का गठन किया गया था जिसमें प्रवीण भाई परमार, सुरेश भाई राठोड, भरत भाई परमार, मंगलदास पांचाल, जलाराम पांचाल, कनुभाई पांचाल, नरोतम भाई पांचाल, चिनुभाई पांचाल, मुकेश भाई पांचाल, प्रभुभाई पांचाल, चंन्द्रकांत पांचाल, अरविंद भाई पांचाल, हरेशभाई पांचाल एवं पांचाल युवा समिति के सदस्यों ने कथा का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न किया। कथा के आखरी दिन समिति के मुकेश भाई पांचाल ने समाज के विभिन्न संस्थाओ के पदाधिकारीगण एवं कथा को सफलता दिलाने में समाज के भामाशाहों का एवं सभी समाज बंधु का आभार व्यक्त किया।