परिणय सूत्र में बंधे विश्वकर्मा समाज के पांच जोड़े

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उरई। दहेज उन्मूलन के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत विश्वकर्मा समाज के पांच जोडों ने सामूहिक विवाह के मण्डप में एक—दूजे के साथ परिणय सूत्र में बंधकर साथ जीने—मरने की कसमें खाई। विश्वकर्मा समाज के क्षेत्रीय जनों द्वारा आयोजित ‘जय विश्वकर्मा सामूहिक विवाह महाकुम्भ’ में दूर—दराज के अतिथियों ने भाग लेकर इस पल को यादगार बनाया। यह पवित्र आयोजन झांसी रोड स्थित रघुवीरधाम में सम्पन्न हुआ।


इस सामूहिक विवाह महाकुम्भ में विश्वकर्मा विकास एवं सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपक शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष व उद्योगपति शिव सेवक विश्वकर्मा ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिवराज ओझा (भोपाल), शिवकरन लाल विश्वकर्मा (कानपुर), अनिल शर्मा (कानपुर), अखिलेश मोहन (अध्यक्ष, विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण सभा, लखनऊ) प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
उपस्थित अतिथियों ने दहेज को एक अभिशाप बताते हुये उसके समूल नाश के लिये सामूहिक विवाह को बड़ा कदम बताया। इस तरह के कार्यक्रम को निरन्तर आयोजित किए जाने पर जोर दिया गया। भोपाल से आये समाजसेवी शिवराज ओझा ने सामाजिक विकास की दिशा में अपने विचार व्यक्त किये।
मुख्य अतिथि दीपक शर्मा ने मुख्य आयोजक विनोद शर्मा (सम्राट ढाबा) को इस आयोजन के लिये धन्यवाद देते हुये इसे और आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने भी सामाजिक विकास की दिशा में अपने ओजपूर्ण विचार रखे।
अध्यक्षता कर रहे शिव सेवक विश्वकर्मा ने भी सामूहिक विवाह आयोजन की सराहना करते हुये पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस सामूहिक विवाह में छाया संग रामचन्द्र, मीरा संग बलवीर, रत्ना कुमारी संग रामजी लाल, अंजली संग अखिलेश तथा ज्योति संग जितेन्द्र परिणय सूत्र में बंधे। सभी उपस्थित अतिथियों व आयोजक गणों ने वर—बधू को आशिर्वाद देकर उनके मंगलमय जीवन की कामना की।
इस सामूहिक विवाह महाकुम्भ में वर—बधू को प्रदान किये जाने वाले सामग्री में रिच म्यूजिक कम्पनी के निदेशक प्रेमधनी विश्वकर्मा (मुम्बई) व धर्मेन्द्र विश्वकर्मा (मल्लावां, हरदोई) का विशेष योगदान रहा। अन्य लोगों ने भी यथासम्भव योगदान दिया।
आयोजक समिति द्वारा आगन्तुक अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विनोद शर्मा, दीपक झा, अरूण विश्वकर्मा लखनऊ, श्रवण कुमार, गायक निर्भय शर्मा, सन्तोष शर्मा, कमलेश झा, जितेन्द्र विश्वकर्मा, उमेश शर्मा अमेठी, सुरेश चन्द्र विश्वकर्मा सहित काफी संख्या में समाजजन व क्षेत्रीयजन उपस्थित रहे।
—राजवीर विश्वकर्मा, उरई

4 thoughts on “परिणय सूत्र में बंधे विश्वकर्मा समाज के पांच जोड़े

  1. mera naam amit vishwakarma h meri shaadi ho gyi thi pr wife separated h usne dusri shaadi kr li h .ab mai b shaadi ek sundar gharelu kam padhi ladki se krna chahta hun pls meri shaadi karwaden sir my no. 6393552601

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