26 वर्षीय सौरभ धीमान ने बनाई लकड़ी की ‘विंटेज कार’

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ऊना। लकड़ी की काठी, काठी पे घोड़ नहीं…, कार…जी, हां आपने सही पढ़ा। दरअसल, ऊना के एक युवा सौरभ धीमान ने लकड़ी की विंटेज कार बनाई है, जिसे सड़क पर दौड़ती देख हर कोई हैरान हो रहा है। एक न्यूज चैनल की टीम ने इस कार की सवारी कर इसकी खुबियां जानीं। वहीं, कार मालिक को इस तरह की 3 और कारें बनाने का ऑर्डर मिला है। मामला हिमाचल प्रदेश के ऊना का है।


लंदन में ऐसी गाड़ियां देख आया आइडिया— ऊना के 26 वर्षीय सौरभ धीमान ने इस कार को बनाया है। फिलहाल, ऊना की सड़कों पर दौड़ती यह कार लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। सौरभ धीमान को दो दिन में ही ऐसी कार खरीदने के तीन ग्राहक भी मिले हैं। सौरभ धीमान ने लंदन से एमबीए की पढ़ाई किया है, और इसी दौरान लंदन की सड़कों पर ऐसी गाड़ियां देखकर सौरभ के मन में भी लकड़ी की गाड़ी बनाने का विचार आया। मन में आये विचार को सौरभ ने 6 महीनों की कड़ी मेहनत के बाद पूरा कर लिया।
मारुति 800 का इंजन और 100 किमी रफ्तार— सौरभ के अनुसार, कार में चालक की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। इसमें मारुति 800 का इंजन है और इसकी स्पीड की सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से निर्धारित की गई है। इसे सागवान की लकड़ी से तैयार किया गया है, जो कि वाटरप्रूफ है। बारिश व पानी से धोने पर इसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कार की बॉडी को बनाने में इटालियन सीएनपी मशीन का प्रयोग किया गया है।
दोस्त को भेंट कर दी कार— सौरव धीमान ने कहा कि वह इस कार को कुटलैहड़ क्षेत्र में गोबिंद सागर के किनारे बने एक नामचीन होटल को उपहार स्वरूप भेंट करेंगे, ताकि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। सौरभ की मानें तो अगर सरकार ऐसी दुर्लभ चीजों को पर्यटन स्थलों में स्थापित करवाए तो इससे प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
इस कार के साथ सेल्फी खिंचवाने वालों की भी भीड़ जुट रही है। कुटलैहड़ के रायपुर मैदान में होटल चलाने वाले अभय पराशर इस कार को उपहार में मिलने से काफी खुश हैं। अभय का कहना है कि उन्हें कार तोहफे में मिली है और इससे जरूर पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा। (साभार)

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