विश्वकर्मा पूजा अवकाश बहाली के लिए मुख्यमंत्री को एक लाख पोस्टकार्ड भेजेगा विश्वकर्मा समाज- अशोक विश्वकर्मा

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चंदौली। ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की दुलहीपुर स्थित केंद्रीय कार्यालय में पदाधिकारियों की संपन्न बैठक में प्रदेश भर में विश्कर्मा समाज के निर्दोष लोगों की हत्या, अपहरण, बलात्कार एवं जुल्म, अत्याचार, अन्याय और उत्पीड़न की घटित अनेकों घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आगामी आंदोलन एवं कार्यक्रमों की रणनीति तय की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि मौजूदा सरकार में विश्वकर्मा समाज के लोग सर्वाधिक जुल्म अन्याय भेदभाव और अपमान के शिकार हैं। पुलिस फरियादियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं है, प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह से निरंकुश और भ्रष्ट हो चुकी है। ऐसा लगता है इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है जिससे सरकार के प्रति गरीब मजदूर एवं कमजोर वर्ग के लोगों सहित आमजन में निराशा है। उन्होंने कहा वहीं दूसरी ओर विश्वकर्मा पूजा पर्व का अवकाश सरकार द्वारा निरस्त किए जाने से करोड़ों विश्वकर्मा वंशियों के धार्मिक आस्था एवं स्वाभिमान पर कुठाराघात हुआ है जिससे विश्वकर्मा समाज आक्रोशित एवं लंबे समय से आंदोलित है। उन्होंने कहा देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा हमारे सामाजिक, स्वाभिमान और गौरव के प्रतीक हैं। स्कंद पुराण के अनुसार प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को पड़ने वाले कन्या संक्रांति दिवस को भगवान विश्वकर्मा ने संपूर्ण पृथ्वी की रचना की इसलिए इस दिन को पृथ्वी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। अलौकिक एवं सुंदर पृथ्वी की रचना करने के कारण देवताओं ने भगवान विश्वकर्मा की स्तुति की इसलिए पौराणिक काल से ही इस इस दिन को भगवान विश्वकर्मा के पूजा पर्व के रूप में समस्त मानव प्राणी बिना किसी धार्मिक एवं जातीय भेदभाव के धूमधाम के साथ उल्लास पूर्वक मनाते हैं।


उन्होंने बताया कि विगत सरकारों में विश्वकर्मा पूजा पर्व का सार्वजनिक अवकाश घोषित था किंतु योगी जी की सरकार पदारूढ़ होते ही इस अवकाश को निरस्त कर दिया गया तथा भगवान विश्वकर्मा को महापुरुष तथा श्रमिकों का देवता कह कर अपमानित किया गया जिससे विश्वकर्मा समाज के लोगों की भावना आहत हुई और उनमें गहरा आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज के सभी अनुषांगिक इकाइयों लोहार, बढ़ई, ताम्रकार, मूर्तिकार एवं स्वर्णकार भाई एक साथ संगठित होकर विगत वर्षों से अपनी इस मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार लगातार इन मांगों की उपेक्षा और अनदेखी कर रही है। इसलिए संगठन ने यह निर्णय किया है कि प्रदेश में बढ़ते हुए अपराध के खिलाफ तथा विश्वकर्मा पूजा पर्व के सार्वजनिक अवकाश की मांग को लेकर 1 जुलाई से 10 जुलाई तक निरंतर प्रदेशभर से 1 लाख पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री को भेज कर विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश बहाल करो अभियान चलाया जायेगा। इसके बाद विभिन्न चरणों में प्रदेश व्यापी व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता नंदलाल विश्वकर्मा एवं संचालन श्रीकांत विश्वकर्मा ने किया। बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित लोगों में सर्वश्री डॉ0 प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, राम किशुन विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, भैरव प्रसाद विश्वकर्मा, भरत विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, चौधरी विश्वकर्मा, अर्जुन विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, श्याम लाल विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, मनोज विश्वकर्मा, किशन विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा, लक्ष्मण विश्वकर्मा, सहित सैकड़ो लोग थे।

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