विश्वकर्मा समाज के स्वाभिमान पर चोट कर रही है सरकार— अशोक विश्वकर्मा

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मिर्जापुर। सामाजिक आर्थिक राजनैतिक विषमता तथा भेदभाव का शिकार होकर आज भी विश्वकर्मा शिल्पकार और कामगार समाज अपने अधिकारों से वंचित एवं शोषित है। अन्याय के खिलाफ सामाजिक न्याय और अधिकार को लेकर उठने वाली आवाज को सरकार दबाने और कुचलने का काम कर रही है। आज मिर्जापुर जनपद के नारायनपुर में आयोजित विश्वकर्मा स्वाभिमान सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रुप में सम्बोधित करते हुए ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा, देशभर में विभिन्न जातीय उपनामों से फैले विश्वकर्मा शिल्पकार समाज के हुनरमंद कारीगरों ने रचना और सृजन के सिद्धांत को प्रतिपादित करते हुए अपने हुनर तथा कलाकृतियों से पूरी दुनिया में भारत का नाम और गौरव बढ़ाने का काम किया है। देश का गौरव बढ़ाने वाला शिल्पकार कारीगर समाज आज अपने सामाजिक अस्मिता और पहचान के लिए जूझ रहा है। उपेक्षा और भेदभाव के चलते पुश्तैनी कारीगर आर्थिक बदहाली कि जिंदगी जीने को मजबूर हैं और इनकी परंपरागत कारीगरी विलुप्त होने के कगार पर है।


उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज के करोड़ों लोगों के स्वाभिमान एवं धार्मिक आस्था के प्रतीक सृष्टि सृजन दिवस विश्वकर्मा पूजा पर्व के अवकाश को सरकार द्वारा रद्द किए जाने से इस समाज के स्वाभिमान और भावनाओं को गहरा चोट पहुंचा है जिसे समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। कहा कि इस समाज के लोगों को आरक्षण का भी समुचित लाभ नहीं मिला। सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण के नाम पर साजिश कर रही है। दबे कुचले शोषितों उपेक्षित कमजोर तथा अति पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करना चाहती है, क्योंकि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है। गरीबों के आर्थिक वंचना को दूर करने हेतु सरकार अनेक कार्यक्रम चला रही है और सरकार चाहे तो आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए और भी अनेक कार्यक्रम चला सकती है। आरक्षण हजारों सालों से सत्ता एवं संसाधनों से वंचित किए गए समाज के स्व प्रतिनिधित्व की प्रक्रिया है इसलिए आरक्षण जातीय आधार पर ही लागू होना चाहिए। उन्होंने इस समाज के आर्थिक विकास के लिए दस्तकार शिल्पकार विकास निगम की स्थापना तथा विश्वकर्मा पूजा पर्व के अवकाश की लंबित मांग को पूरा करने की सरकार से मांग की।
सम्मेलन की अध्यक्षता डॉक्टर प्रमोद कुमार विश्वकर्मा प्रभारी मिर्जापुर तथा संचालन बचाऊ लाल विश्वकर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रुप से डॉक्टर अरविंद गांधी, श्रीकांत विश्वकर्मा, भैरव प्रसाद विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, रामकिशुन विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, नीरज विश्वकर्मा, मोहित विश्वकर्मा, गोविंद विश्वकर्मा, दीना विश्वकर्मा, राम आधार विश्वकर्मा, राधेश्याम विश्वकर्मा, चौधरी विश्वकर्मा, राकेश विश्वकर्मा, आशीष विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, श्रीराम विश्वकर्मा, राजाराम विश्वकर्मा, अवधेश विश्वकर्मा, डॉक्टर उषा रानी विश्वकर्मा, राम लखन विश्वकर्मा, सोनल विश्वकर्मा, देवव्रत विश्वकर्मा, शिवानंद विश्वकर्मा, शंकर विश्वकर्मा, श्याम बिहारी विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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