गरीब की झोपड़ी से निकला ‘प्रकाश’ कर रहा समाज को गौरवान्वित

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करौली। यथा नाम तथा गुण। उस बालक का नाम माता-पिता ने यूं ही ‘प्रकाश’ नहीं रखा। गरीबी के ताने-बाने से बुनी झोपड़ी में जन्मे और अभावों में पले-बढ़े इस बालक की प्रतिभा का प्रकाश बचपन में ही दिखाई देने लगा था। करौली जिले की हिण्डौन तहसील के रेवई गांव में पिता प्रभाती लाल और मां शान्ति देवी के घर जन्मे इस बालक में समय की गति के साथ बचपन में ही अद्वितीय क्षमताएं दिखाई देने लगी थीं। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाला यह बालक किशोरावस्था आते-आते सामाजिक सरोकारों को भी बखूबी समझने लगा था। गुरुजनों के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखने वाला यह बालक न सिर्फ अध्यापकों का चहेता बना बल्कि अपने सहपाठियों में भी अत्यंत प्रिय था।


यह जानते हुए भी कि उसके घर-आंगन से लेकर खेत की मेड़ तक गरीबी पसरी पड़ी है, इस बालक का हृदय सदैव ही दूसरे बच्चों की मदद के लिए धड़का। किताब, पेंसिल और कॉपी सहपाठियों को दे देने पर ना जाने कितनी ही बार पिता की डांट पड़ी, मां के उलाहने सुनने को मिले, लेकिन परोपकार के प्रति इस बालक का हृदय का विलक्षण स्पंदन कभी नहीं थमा। आज जब उम्र पचास के करीब हो चली है, तब भी दूसरों की मदद के लिए कूद पड़ने की तत्परता आज भी बदस्तूर कायम है।
परिजन चाहते थे कि विलक्षण प्रतिभा से लकदक उनका बालक बड़ा सरकारी अफसर बने, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। बीए और एमए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी प्रकाश की सरकारी नौकरी के लिए ललक कभी नहीं जागी और पत्रकारिता की डिग्री लेकर वह इसी कर्मक्षेत्र में उतर गए। आज स्वयं के पाक्षिक अखबार ‘हिण्डौन के आंचल से’ के नियमित प्रकाशन के साथ-साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रकाश चन्द्र शर्मा ‘इंडिया टुडे’ जैसी नामचीन मैगजीन एवं कई इलेक्ट्रानिक चैनल्स के लिए काम कर नाम कमा रहे हैं।
पत्रकारिता की फिसलन भरी राह पर भी ईमानदारी को जिंदा रखने वाली इस शख्सियत की जिन्दगी का एक दूसरा पहलू भी है। वैसे तो पूत के पांव पालने में ही दिखाई दे गए थे लेकिन सामाजिक सरोकारों के पंख इस कदर व्योम फैलाएंगे, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। परिवार से अधिक मानव समाज और राष्ट्र से प्रेम करने वाले प्रकाश चन्द्र शर्मा तहसील एवं जिला व संभाग स्तर पर दर्जनों बार सम्मानित होने के साथ-साथ राज्य स्तर पर बड़े पुरस्कार अर्जित कर चुके हैं।
सामाजिक क्षेत्र में अतुलनीय रुचि का ही परिणाम था कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इस शख्सियत को 14 अप्रैल 2014 को राज्यस्तरीय अम्बेडकर सामाजिक सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रकाश चन्द्र शर्मा पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के कारण राज्य सरकार की ओर से 15 अगस्त 2015 को राज्यस्तरीय पत्रिकारिता पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। हाल ही 28 अगस्त 2018 को उन्हें राज्यस्तरीय अमृता देवी स्मृति अवार्ड मिला। यह पुरस्कार वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में अभिनव योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
‘विश्वकर्मा किरण’ पत्रिका परिवार की तरफ से प्रकाश चन्द्र शर्मा को बहुत—बहुत बधाई व शुभकामनाएं।

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