अधिकारों के लिये अपनाना होगा संघर्ष का मार्ग— डॉ0 सत्यानन्द शर्मा

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औरंगाबाद। बिहार लोहार अनुसूचित जनजाति जागृति मंच द्वारा बीते 20 सितम्बर को दाउदनगर प्रखंड में विश्वकर्मा सम्मेलन आयोजित किया गया। ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य समाज को संगठित कर राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित करना है। जाति नहीं जमात की ओर चलें, सत्ता पर काबिज होने के लिए आगे बढ़े, यह बातें लोक जनशक्ति पार्टी सेकुलर के संस्थापक डॉ0 सत्यानन्द शर्मा ने विश्वकर्मा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा का शिकार इस समाज को अधिकारों से वंचित रखा है। इसे दूर करने के लिए समाज को आगे आना होगा और संघर्ष करना होगा। कहा कि हम सभी को अपने अधिकार के लिये लड़ाई खुद लड़ना पड़ेगा, कोई दूसरा कोई लड़ने वाला नहीं है। जब तक हमें हमारा अधिकार नहीं मिलेगा विकास सम्भव नहीं है।


डॉ0 शर्मा ने कहा कि मन से डर निकले और कुछ बनने वाली प्रवृत्ति को लेकर बाहर निकलें तभी आप बहुत कुछ कर सकते हैं। ईश्वर ने आप लोगों को समर्थ बनाया है आप संकल्प लें कि हम आज से सरकार बदलने का अभियान चलाएंगे और समाज को जमात की ओर ले जाने का संकल्पित मार्ग अख्तियार करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में राजनीतिक चेतना नहीं होगी तब तक समाज विकास से दूर ही रहेगा। विकास की मुख्य धारा में आने के लिए संघर्ष का रास्ता ही एकमात्र विकल्प है।
विश्वकर्मा सम्मेलन को पप्पू विश्वकर्मा, गणेश शर्मा, पारस विश्वकर्मा, दिलीप शर्मा, रमेश शर्मा, रामसलोक शर्मा, रामबदन शर्मा, डॉ0 धर्मेंद्र विश्वकर्मा, अर्जुन शर्मा, विमल विश्वकर्मा आदि लागों ने सम्बोधित किया।इस सम्मेलन में सैकड़ों समाज के लोग बढ़ चढ़ कर भागीदारी जिम्मेदारी पूर्वक निभाते हुये सफल बनाया।

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