लोहार विकास मंच ने अपनी मांग को लेकर आरा में किया रेल रोको आन्दोलन

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आरा। बिहार लोहार मंच द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अन्तर्गत अपनी मांगो को लेकर आरा में रेल चक्का जाम किया गया। मंच द्वारा ‘रेल रोको आंदोलन’ के तहत आरा में रेल रोककर चक्का जाम किया गया। विदित हो कि लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा बिहार सरकार द्वारा दी जा रही है, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक केन्द्रीय सुविधाओं के लिये स्पष्ट अधिसूचना जारी नहीं किया गया है। भारत सरकार के जन जातीय मन्त्रालय एवं कानून मन्त्रालय को कई बार पत्र प्रेषित किया गया, दिल्ली के संसद मार्ग पर दो दिवसीय सत्याग्रह किया गया फिर भी अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई। अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर ही ‘रेल रोको’ आन्दोलन करना पड़ा।


मंच द्वारा रेल रोको आन्दोलन के पहले चरण में आरा रेलवे स्टेशन (बिहार) पर सुबह 10 बजे से ही लोहार समाज के लोगों बड़े—बूढ़े, युवा, महिलाएं, बच्चे, छात्र सभी ने उपस्थित होकर आंदोलनकारियों को उत्साहित किया। सभी की उपस्थिति ने भारत सरकार को क्रंतिकारी सन्देश देने का काम किया है। रेल रोकर भारत सरकार से अपनी मांग शांति पूर्वक किया गया।


इस आंदोलन का नेतृत्व लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने किया। श्री शर्मा ने बताया कि LOHARA (लोहार) जाति सन् 1950 से ही अनुसूचित जनजाति में है। कांग्रेस सरकार के सोची समझी धारणा के कारण LOHARA को देवनागरी लिपि में ‘लोहारा’ एक जाति बना दिया जो देश में कोई जाति नहीं है। सिर्फ रोमन लिपि में LOHARA लिखा जाता है।
श्री शर्मा ने कहा कि उनके नेतृत्व में दो दिवसीय सत्याग्रह आंदोलन दिल्ली के संसद मार्ग पर किया गया। इस सत्याग्रह के कारण ही संसद के मानसून सत्र में दो सांसद द्वारा इस मुद्दे को संसद में उठाया गया। एक महीना बीत जाने के बाद भी जनजाति मन्त्रालय द्वारा टाल मटोल किया जा रहा है। संसद में उठाये गये मुद्दे के कारण ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया परन्तु उसका भी परिणाम क्या है, इसकी कोई जानकारी नहीं। लोहार जाति संविधान के अनुसार अनुसूचित जनजाति में है और इसका बिहार सरकार द्वारा जाति प्रमाण पत्र भी निर्गत हो रहा है। बिहार सरकार की नौकरियों में इसकी सुविधा मिल रही है। परन्तु दो वर्ष बीतने के बाद भी स्पष्ट रूप से लोहार लिखा एक्ट 23/2016 के आलोक का राजपत्र और अधिसूचना का प्रकाशन नहीं होने से केन्द्रीय सेवा में परेशानी आ रही है। यहां तक कि एसएससी, सीएचएसएल परीक्षा-2016 में 57 लोहार विद्यार्थियों को सिर्फ जातीय गैर नीतिगत तरीके से छांट दिया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने की मांग को लेकर ‘रेल रोको’ आन्दोलन का दूसरा चरण 30 सितम्बर को सासाराम रेलवे स्टेशन पर आयोजित किया गया है। जब तक केन्द्र सरकार द्वारा स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जाता, यह आन्दोलन अनवरत चलता रहेगा। स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी न होने के कारण लोहार समाज के बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है।
रेल रोको आन्दोलन के मौके पर मुख्य वक्ताओं में महासचिव परमेश्वर विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, कोषाध्यक्ष श्याम कुमार सिंह (बबलू लोहार), प्रदेश सचिव रामशंकर शर्मा, जिलाध्यक्ष रविन्द्र शर्मा, पृथ्वी शर्मा, अमर विश्वकर्मा और राधेश्याम शर्मा रहे। इस रेल रोको आन्दोलन में 38 जिलों के छात्र, नौजवान के साथ हजारों संख्या में लोहार समाज एवं 31 आदिवासी समाज के लोगों ने भाग लिया।

इस आंदोलन में अनेकों नारे लगाये गये—
1. जीना है तो लड़ना सीखो, कदम—कदम पर लड़ना सीखो।
2. लोहार एकता जिन्दाबाद।
3. 1950 ई0 का अधिकार वापस करो—वापस करो।
4. लोहारा Lohara का देवनागरी लिपि लोहार लिखना पड़ेगा—लिखना पड़ेगा।
हम लोहार, समाज के निर्माता हैं
हमें भेदभाव करने नहीं आता है
हमारा विरोधी, पूरे समाज का विरोधी
देखो समाज, बोलो समाज
अभी तो ये अंगड़ाई है।
वाकी पड़ी लड़ाई है।
5. मर जायेंगे मिट जायेगे
अपना अधिकार लेकर रहेगें।
केंद्र सरकार होश में आओ
होश में आओ, होश में आओ।
जनजातीय मंत्रालय होश में आओ
होश में आओ, होश में आओ।
मेरी मांगे पूरी करो
पूरी करो पूरी करो
जनजातीय मंत्रालय लोहारों का
नोटिफिकेशन जारी करो
जारी करो, जारी करो।

भारतीय लोहार समाज जिन्दाबाद।

रिपोर्ट—  श्रवण शर्मा

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