गिनीज बुक में चौथी बार दर्ज हुआ सोलह वर्षीय लिम्बो स्केटर सृष्टि शर्मा का नाम
नागपुर। सोलह वर्षीय लिम्बो स्केटर सृष्टि धर्मेन्द्र शर्मा ने गिनीज बुक में अपने नाम चौथा रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है। वर्ष 2014 से 2017 तक उपलब्धि की हैट्रिक पूर्ण करने वाली उमरेड निवासी होनहार लिम्बो स्केटर सृष्टि की निगाहें चौथे कारनामे पर टिक गई थी। 28 जनवरी 2020 को सृष्टि ने सेंटर प्वाइंट स्कूल (वर्धमान नगर) के परिसर में लिम्बो स्केटर अंडर-10 बार वर्ग में सबसे तेज समय निकाला। उन्होंने 12 इंच उचाई वाले अंडर-10 बार वर्ग की 9 मीटर की मात्र 1.720 सेकंड में तय कर नया कारनामा कर दिखाया। इसके बाद गिनीज बुक प्रबंधन को इस संदर्भ में जरूरी सभी दस्तावेज भेज दिए गए। इसका आयोजन आमवैली सपोर्टिंग एसोसिएशन की मेजबानी में किया गया। सृष्टि इससे पहले भी प्रयास कर चुकी थी, लेकिन वह अपने अभियान में सफल नहीं हो पाई। आखिरकार विफलता ने उन्हें अधिक प्रतिबद्ध बनाया और इस प्रयास में अधिकृत रूप से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्राप्त होने की सूचना प्राप्त हो गई।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने पहले दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (10 और 25 मीटर वर्ग) क्रमशः 2014 और 2015 में दर्ज किए थे। तीसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अधिक चुनौतीपूर्ण था। उन्हें 20 सेंटीमीटर की ऊंचाई से गुजरना था। आखिरकार वह वर्ष 2017 में गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित ‘आए स्केट’ (एंबिएंस मौल) में सफल हो गई। उन्होंने पहले 19.5 अंतर में कामयाबी हासिल की और इसके बाद दूसरे प्रयास (17.78 सेंटीमीटर) में अपने रिकॉर्ड में सुधार की। सेंटर प्वाइंट स्कूल (वर्धमान नगर) की छात्रा सृष्टि ने खुशी का इजहार करते हुए कहा “चौथे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड” से बेहद खुश हूं। मेरा यह अभियान ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ बैनर के तहत चल रहा है। मैं सभी अभिभावकों से अपील करती हूं कि मेरे अभिभावकों की तरह वह भी अपनी बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। भविष्य में मैं और बेहतर करने की कोशिश में हूं। हालाकि अब तक कोई ठोस प्लान नहीं बन पाया है। दसवीं बोर्ड परीक्षा दे चुकी सृष्टि डॉक्टर बनकर भारतीय सेना के लिए सेवा करना चाहती है। पिता धर्मेन्द्र शर्मा को अपनी बेटी की उपलब्धियों पर नाज़ है। वह कहते हैं “चौथे रिकॉर्ड के लिए उसने कड़ी मेहनत की। हालाकि उसके लिए काफी कठिनाइयों से गुजरना पड़ा लेकिन आखिरकार वह अपने अभियान में सफल हो गई।”
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ बेटा मेरा आशीर्वाद है की पंचमीवार भी गिनीज़ वर्ड रिकार्ड बनाओ ।
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