वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गौड़ के पिता का निधन, गौड़ ने अपने शब्दों में दी श्रद्धांजलि
प्रेम और कर्तव्य को अपने संस्कार व अनुभव के अनुशासन के कवच में बड़ी सहजता से रखने की कला का श्रेय हमेशा पिता को जाता है। पिता जीवन के बेहतरीन शिल्पकार होते हैं, उनका ध्येय हमेशा सकारात्मक होता है। वो सहज, सरल और धार्मिक थे। गणित जैसे विषयों में उनको दक्षता हासिल थी। पारदर्शिता के साथ वो स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते थे। “गीता” और “गायत्री” परिवार जैसी पावन पुस्क्तकों के वो नियमित पाठक थे, हमेशा अच्छी पुस्तकों और विद्वान लोगों के सानिध्य के लिए प्रेरित करते थे। हम दोनों भाइयों और बहन के लिए एक पिता के साथ मां भी थे। वह एक शिक्षक पिता होने की वजह से हमेशा हमें एक सीख के अनुशासन में रखने का उनका प्रयास हमेशा सफल रहता था।
मेरे पिता परिवार में सबसे बड़े थे, उनके जाने से परिवार ने अपना संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया। पूरे परिवार के साथ हम भाई बहन भी उनको दादा के नाम से संबोधित करते थे। वो (दादा) परिवार के लिए अनुशासन का परिचायक थे वो हमेशा हम सबके आत्मविश्वास को प्रगाढ़ करते थे। पूरे परिवार को अपने आशीर्वाद से सींचने का उनका हमेशा ध्येय रहा है, जिसको उन्होंने बखूबी से निभाया। हम सब निशब्द हैं, दुःखी हैं।भगवान पिताजी की पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।
-दिनेश गौड़ (वरिष्ठ पत्रकार)