दूरदर्शी सोच ही समाज में पिछड़ापन दूर कर सकती है- सांसद रामचंद्र जांगड़ा
दिल्ली। नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में ज्योतिबा फुले फाउंडेशन द्वारा पिछड़ा वर्ग चिंतन सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव तथा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने शिरकत की। सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दूरदर्शी सोच ही समाज और लोकतंत्र में फैला पिछड़ापन दूर कर सकती है।
महात्मा ज्योतिबा फुले की दूरदर्शी सोच का परिणाम था जो उन्होंने समाज में आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ों और महिलाओं को शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि पिछड़ा शब्द बड़ा ही कटु शब्द है, इसे समाज में नहीं होना चाहिए। परंतु वर्षो तक एक विशुद्ध और संकीर्ण सोच ने भारत जैसे सनातनी परंपरा वाले देश में भी समाज के एक हिस्से को मुख्य धारा में नहीं आने दिया। जबकि वो कामगार समाज भारतवर्ष के नव निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे सकता था, बल्कि भारत कभी गुलाम ही नहीं होता।
उन्होंने कहा कि बेशक आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में कला-कौशल विश्वविद्यालय, स्कूल खोले जा रहे हैं और पिछड़ा वर्ग के बच्चों को विशेष तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। ये प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच है कि समाज में जो एक तबका पीछे रह गया उसे तकनीकी रूप से तैयार करके रोजगार उपलब्ध करवाया जाए ताकि वे अपना और राष्ट्र का बेहतर निर्माण कर सके।
इस अवसर पर पूर्व सांसद और भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उनके अलावा डा0 अलका गुर्जर प्रदेश मंत्री दिल्ली, पूर्व कुलपति डॉ0 पी0सी0 पतंजलि, गुरु प्रकाश पासवान प्रवक्ता आदि ने सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर हंसराज जांगड़ा, भाजपा नेता सुनील पांचाल सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी गण उपस्थित रहे।