78 हजार परिवारों का पालनहार बना मेकिंग द डिफरेन्स फाउंडेशन
मुम्बई। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण देश में हुये लॉक डाउन के दौरान मुम्बई की संस्था मेकिंग द डिफरेंस फाउंडेशन कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर जरूरतमंद 78 हजार परिवारों का पालनहार बनी। लॉक डाउन के कारण लाखों गरीब-मजदूर दो वक्त की रोटी के लिये मोहताज हो गये हैं। ऐसी स्थिति में सरकारी व गैर सरकारी तथा सामाजिक संस्थाओं के सहारे ही उनकी भूख मिटाई जा सकती है। इस महामारी ने महाराष्ट्र की जनता को चिन्ता में डाल दिया है। सबसे ज्यादा चिन्ता प्रवासी मजदूरों को है जो रोज कमाकर खाते रहे हैं। मेकिंग द डिफरेंस फाउंडेशन ने अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर चर्चगेट से लेकर नालासोपारा के बीच 78 हजार गरीब परिवारों को राशन पहुंचाने का बहुत ही पुण्यकारी कार्य किया है।
देश में लॉक डाउन शुरू होने से लोग अपने घरों में बैठकर इस मुसीबत से लड़ रहे हैं। वहीं कुछ सामाजिक संस्थाएं हैं जो इस आपात स्थिति में लोगों को भूख से लड़ने में मदद कर रही है। यह संस्थाएं गरीब परिवारों को घर का राशन वितरण कर रही हैं। अभी तक इन्होंने चर्चगेट से लेकर नालासोपारा के बीच 78 हजार से अधिक परिवारों को राशन वितरण किया है। इनके द्वारा दी जा रही राशन सामग्री से एक सामान्य वर्ग का परिवार करीब 20 दिनों तक गुजारा कर सकता है। इस सराहनीय कार्य का नेतृत्व कर रहे दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि वह लोग इस कार्य का विस्तार वाराणसी तक करेंगे जिससे और भी जरूरतमंद परिवारों की मदद कर सकें। संस्था के पदाधकारियों ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया है जो इस मुसीबत में उनका साथ दे रहे हैं।