लोहार विकास मंच ने जन जातीय मन्त्रालय के विरूद्ध किया दो दिवसीय सत्याग्रह
दिल्ली। बिहार में लोहार जाति को एसटी का दर्जा दिये जाने के बावजूद केन्द्रीय जन जातीय मन्त्रालय द्वारा स्पष्ट नोटिफिकेशन न किये जाने के विरूद्ध लोहार विकास मंच ने दिल्ली के संसद मार्ग पर दो दिवसीय (30—31 जुलाई) सत्याग्रह किया। पूर्व में लिखे गये शब्द ‘लोहारा’ को संशोधित कर ‘लोहार’ लिखने हेतु बनाये गये एक्ट 23/2016 में अभी तक केन्द्रीय जन जातीय मन्त्रालय ने स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। नोटिफिकेशन जारी न होने से बिहार के लोहार जाति को एसटी का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मंच द्वारा किये गये सत्याग्रह की जानकारी होते ही बिहार के नेताओं में खलबली मच गयी। कई नेता सत्याग्रह स्थल पर भी पहुंचे और आश्वासन दिया कि लोहार जाति को उसका संवैधानिक अधिकार जरूर मिलेगा। सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे केन्द्रीय मानव संसाधन राज्यमन्त्री उपेन्द्र कुशवाहा ने लोहार विकास मंच के सत्याग्रहियों को भरोसा दिलाया कि उनका अधिकार मिलकर रहेगा। वह स्वयं जन जातीय मन्त्री व विभाग के अधिकारियों से वार्ता करेंगे।
सत्याग्रह का नेतृत्व करने वाले लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकिशोर शर्मा ने बताया कि सत्याग्रह आरम्भ करने से पूर्व इसकी जानकारी डाक द्वारा जनजातीय मन्त्रालय को भेज दी गई थी। दो दिवसीय सत्याग्रह समाप्त होते ही मंच की तरफ से एक मांग पत्र सांसद पप्पू यादव, सांसद चिराग पासवान तथा केन्द्रीय राज्यमन्त्री अश्विनी चौबे को सौंपा गया।
लोहार विकास मंच के दो दिवसीय सत्याग्रह के अगले दिन ही यह मुद्दा लोकसभा में भी उठा। बिहार से सांसद सुशील सिंह ने लोकसभा में बिहार के लोहार जाति को एसटी का पूर्ण लाभ दिये जाने की मांग करते हुये मुद्दा उठाया।
—लोकसभा में बिहार के लोहार जाति को एसटी का पूर्ण लाभ दिये जाने हेतु मुद्दा उठाते हुये सांसद सुशील कुमार सिंह