जांगिड़ समाज जवाली (श्री विश्वकर्मा पैदल यात्रा संघ) ने निकाली 45 किमी की भव्य पदयात्रा
पाली। जांगिड़ समाज जवाली द्वारा गठित ‘श्री विश्वकर्मा पैदल यात्रा संघ’ की तरफ से विशाल पदयात्रा निकाली गई। श्री विश्वकर्मा मन्दिर पाली से जवाली तक निकाली गई इस पदयात्रा में ‘भगवान विश्वकर्मा’ की प्रतिमा से सुशोभित एक रथ सजाया गया था, जिसके साथ ही करीब 500 श्रद्धालु पदयात्री के रूप में चल रहे थे। इस पदयात्रा को ‘श्री विश्वकर्मा पैदल यात्रा संघ’ नाम दिया गया। यात्रा संघ को जवाली समिति अध्यक्ष श्री जेठमल सांड ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पाली अध्यक्ष भूर छड़िया ने जवाली अध्यक्ष का साफा पहना कर स्वागत किया। यात्रा में डीजे व रथ के साथ 500 श्रद्धालुओं ने पैदल चल कर राजस्थान में पहले श्री विश्वकर्मा पैदल यात्रा संघ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। नाचते गाते श्री विश्वकर्मा भक्त पाली से श्री विश्वकर्मा सर्कल पर माल्यार्पण करते हुए- रामासिया, गुंदोज, डीगाई, खोड, होते हुए जवाली श्री विश्वकर्मा धाम तक पहुंचे। पूरे रास्ते में श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से भोजन, प्रसादी, अल्पाहार, फलाहार की व्यवस्था की। टेगोर नगर पाली में स्वास्तिक आर्ट ने जल व्यवस्था की, जगदीश माली (ब्रांड एम्बेस्डर स्वछ भारत अभियान) ने सेसन कोर्ट पर चाय की व्यवस्था की, रामासिया में वाणेचा परिवार ने नास्ता की व्यवस्था की। हेमावास चौराहे पर पुष्प वर्षा कर संघ का स्वागत किया गया। तोगावास पर इन्द्राणिया परिवार की तरफ से फलाहार ओर कोल्ड ड्रिंक की व्यवस्था की गई। इन्द्राणिया परिवार द्वारा ही गुंदोज में भी शानदार स्वागत और भोजन की व्यवस्था की गई।
डिगाई के युवाओं द्वारा फलाहार, हणपा-जेतपुरा चौराहे पर कन्हैयालाल और धनजी की तरफ से चाय की व्यवस्था की गई। खोड में प्रेम सुख और घिशुलाल की तरफ से चाय नास्ता चिप्स तथा जवाली पर भामाशाह भंवरलाल आसदेव की तरफ से भोजन की व्यवस्ता की गई। श्रद्धावत धर्म प्रेमियों ने अर्थ अनुदान कर सहयोग किया। इसी तरह संघ के जवाली पहुंचने पर पुष्प वर्षा तथा ढोल—नगाड़ों से भव्य स्वागत किया गया। महा आरती की गई और रात्रि जागरण में पीयूष जंगिड व गणपत महाराज, नरेश जंगिड और सुमित्रा द्वारा मधुर भजन प्रस्तुत कर स्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस अवसर पर संघ में सहयोग करने वाले भामाशाहों का स्वागत भी किया गया। 45 किलोमीटर की इस पदयात्रा में श्रद्धालुओं ने जरा भी थकान महसूस नहीं किया। संघ की यह पहली पैदल यात्रा थी जो सफल व ऐतिहासिक रही। इसमें जिससे जो भी हो सका, सबने सहयोग करने की कोशिश की और समाज में ‘कण-कण से मण’ की कहावत को चरितार्थ किया। आपसी प्रेम का प्रतिपादन करते हुए पूरे 45 किलोमीटर की यात्रा के दौरान सबने एक दूसरे का ख्याल रखा और सारी सीमाओं की दूरियां मिटा दी। इस मैत्रीय पैदल यात्रा के लिये संघ की तरफ से सभी को धन्यवाद व शुभकामनाएं दी गई।
यात्रा में समिति अध्यक्ष जेठमल सांड, पाली अध्यक्ष भूर छड़िया, चम्पालाल लुंझा, मांगीलाल लुंझा, प्रेम सुख खोड, मोती लाल जोपिंग, घेवरचंद इन्द्राणीया, बाबूलाल चुन्दा, मगराज, जीवराज वाणेचा, युवा अध्यक्ष किशन जोपिंग, कैलाश वणेचा, तेजाराम जोहड़, मान रामासिया, मोडाराम जोपिंग, मिश्रीलाल दायमा, सोहन खीवानदी, सोहन खोड, सोहन नागल, जगदीश जेपालिया, जुगराज लाडवा, घीसू किंजा, घीसू जोपिंग, राजू जोपिंग, ऋषिराज त्रिपाठी, शेषराम पाखरवड, अशोक पाखरवड, नन्दू, हृरिराम जेपालिया, राधाकिशन, हीरालाल, बद्री अटवासिया, जिला अध्यक्ष घीसूलाल लिकड़, बंशीलाल इन्द्राणीया, चम्पालाल नागल, अशोक किंजा, चम्पालाल बुडल, छगन वाणेचा, गुलाब लुंजा, चम्पालाल वाणेचा, ओमप्रकाश गोठडीवाल, भवर पिड़वा, आईदान उमराणीय, मोतीलाल दायमा, मूलचंद दायमा, राम सा, जसराज मादडी, ओम इन्द्राणीया, नरपत इंद्राणीय, रामचन्द्र पिड़वा, विक्रम वाणेचा, प्रकाश, चन्द्र शेखर आदि मौजूद थे। मातृ शक्ति में महिला अध्यक्ष सन्तोष, सुमित्रा, सुमन, शान्ति आदि महिला शक्ति मौजूद थी। इसके अलावा भी काफी सख्या में समाज बन्धुओं ने प्रथम पैदल यात्रा संघ में भाग लिया।
—प्रकाश चन्द जांगिड़ “पिड़वा” सचिव-जांगिड नवयुवक विकास समिति-जवाली
जय श्री विश्वकर्मा भगवान जी
बहुत ही सराहनीय कार्य , बधाई शुभकामनाएं, सभी समाज जन को।
बहुत सारी बधाइयां