श्री डाकोर जी धाम (गुजरात) की रज-कमल से सुगन्धित हुआ गुना
गुना। गुजरात की पावन भूमि से समाज के प्रभुत्वशाली समाजसेवी या यूँ कहें कि समाज के पुरोधाओं ने गुना की धरती पर कदम रखा तो उनके रज-कमल से पूरा गुना सुगन्धित हो गया। सर्वश्री चंद्रवदन मिस्त्री अध्यक्ष विश्वकर्मा स्वर्ण मंदिर डाकोर, भरत सुथार अहमदाबाद, अशोक भाई गज्जर नाडियाल, कनु भाई मिस्त्री अहमदाबाद, प्रवीण भाई गज्जर अहमदाबाद, अमिता मेवाड़ा के साथ-साथ मध्यप्रदेश होशंगाबाद के पिपरिया शहर से पिपरिया नरेश के नाम से प्रसिद्ध गजेन्द्र विश्वकर्मा उर्फ गज्जू दादा, रतलाम से डॉ0 निर्मला डांगी सहित कई और महानुभावों का टेकरी सरकार की नगरी गुना में द्विदिवसीय आगमन हुआ।
समाज के लोगों ने पूरी आत्मीयता के साथ सभी का आथित्य सत्कार किया। समाज के युवा समाजसेवी मनोज कुमार ओझा ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य ही है कि गाँधी जी के गुजरात की पावन रज ने चन्द्रबदन बाबूजी एवं संग आये समाज जन के आशीष और प्रेम ने हमें गुजरात की खुशबू से सराबोर कर पावन कर दिया। चन्द्रवदन बाबूजी एवं गजेंद्र बाबूजी के साथ पधारे अतिथिगणों का सानिध्य पाकर हमारा हृदय पुलकायमान होकर गौरवान्वित हो उठा है। कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि समाज की ऐसी सख्शियतों का आतिथ्य सत्कार का अनुपम अवसर हमें प्राप्त हो सका।
इस मौके पर पधारे सभी अतिथिगणों का श्री मैथिल ओझा धर्मशाला ट्रस्ट गुना की तरफ से स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। स्वागत के बाद अतिथियों का सम्बोधन भी हुआ। अपने सम्बोधन में चन्द्रवदन मिस्त्री ने सामाजिक एकीकरण की दिशा पर अग्रसर होकर समाज को उन्नतिपथ पर ले जाने के लिए बड़े ही सहज सरल शब्द-विन्यासः के माध्यम से हमें उपदेशित कर नई दिशा प्रसस्त की। साथ ही सभी वरिष्ठ समाजसेवी अतिथियों द्वारा भी सामाजिक पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
स्वागत समारोह में धर्मशाला अध्यक्ष जनक ओझा, पूर्व अध्यक्ष पुरषोत्तम ओझा, महिला अध्यक्ष रजनी ओझा, वरिष्ठ समाज सेवी गयाप्रसाद ओझा, हरिबल्लभ ओझा, अधिवक्ता विष्णु झा (मंच संचालक) सहित अन्य समाजजन उपस्थित रहे।