बेटियों के लिये मिशाल है लोहा पीटकर पढ़ाई करने वाली सोनी विश्वकर्मा

5
Spread the love

गोण्डा। खुद लोहा पीटकर घर का खर्च चलाने व अपनी पढ़ाई भी समय से पूरी करने वाली सोनी विश्वकर्मा बेटियों के लिये एक मिशाल है। वह अगर भारत सरकार की ‘बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्राण्ड अम्बेस्डर बन सके तो समाज को गर्व होगा। मात्र 14 वर्ष की उम्र और सिर पर भाई—बहन को पालने व पढ़ाने का बोझ, फिर भी अपनी पढ़ाई जारी। सोनी की हिम्मत को नमन करना पड़ेगा। आपको सड़कों पर 14 ही नहीं 24 साल की भी लड़कियां भीख मांगते दिख जायेंगी, परन्तु विश्वकर्मा समाज की होनहार बेटी अपनी मेहनत पर नाज करती है। वह अपने पैत्रिक पेशे को ही जीवन का हिस्सा बनाकर घर का खर्च चला रही है और अपनी पढ़ाई भी कर रही है।
अगर आप गोण्डा-फैजाबाद हाईवे पर जा रहे हैं और वजीरगंज के पास स्कूल ड्रेस में लुहारी का काम करती एक बेटी मिल जाए तो चौंकिएगा नहीं। यह कोई और नहीं 14 साल की सोनी विश्वकर्मा है, जो अपने माता-पिता के गुजरने के बाद भाई-बहनों को पालने के साथ परिवार अपने बलबूते चला रही है। लोहों से खेलकर जिंदगी से लोहा लेती ये बेटी उनके लिए नजीर है जो बिना मेहनत के सब कुछ पाना चाहते हैं।
जब आ पड़ा वक्त तो उठाया ये कदम:— वजीरगंज के बड़ा दरवाजा गांव के बृजेश विश्वकर्मा परम्परागत ढंग से लोहारी का काम करते थे। 2014 में बीमारी के चलते बृजेश की मौत हो गई। उससे पहले उनकी पत्नी गुजर चुकी थीं। पिता की मौत के बाद परिवार की गाड़ी खींचने का संकट हुआ तो उस वक्त 10 साल की बेटी सोनी विश्वकर्मा ने धीरे-धीरे पिता की दुकान संभाल ली। अब वह इसी दुकान के सहारे अपने छोटे भाई-बहनों को पढ़ा रही है और खुद भी स्कूल जाती है। कक्षा 7 में पढ़ने वाली सोनी विश्वकर्मा स्कूल से लौटने के बाद दुकान संभालती है। इससे जो आमदनी होती है उससे घर का खर्चा और भाई-बहनों की पढ़ाई चलती है।
दादा रामदेव व दादी ननका कहती हैं कि उन्हें सोनी पर गर्व है। वह बताते हैं कि सोनी सुबह 9 बजे स्कूल जाती है और वापस आने पर दुकान सम्भालती है। समय निकालकर घर का अन्य काम भी करती है। सोनी का नौ वर्षीय भाई अरूण और सात वर्षीय बहन शारदा कहती है कि दीदी हम लोगों के माता—पिता का फर्ज भी निभा रही है।
सोनी की मेहनत और जज्बे पर स्कूल को गर्व है। सीपीएम पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश मौर्य कहते हैं, वह भट्ठी पर कुदाल, हंसिया तो बनाती ही है, पढ़ने में भी ठीक है। हम चाहते हैं वह पढ़कर ऊंचा मुकाम हासिल करे।

5 thoughts on “बेटियों के लिये मिशाल है लोहा पीटकर पढ़ाई करने वाली सोनी विश्वकर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

%d bloggers like this: