पूर्व कुलपति डॉ0 प्रेमचन्द पातंजलि बने नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष

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दिल्ली। नागरी लिपि परिषद की महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में राजघाट स्थित कार्यालय पर संपन्न हुई जिसमें पूर्व कुलपति एवं शिक्षाविद डॉ0 प्रेमचन्द पातंजलि को परिषद का सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। इसके साथ ही परिषद के पदाधिरियों ने महत्वपूर्ण सुझावों पर चर्चा की जिससे नागरी लिपि को देश के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पटल पर विशिष्ट पहचान बन सके। विचारों एवं सुझावों पर चर्चा के साथ-साथ निवर्तमान अध्यक्ष डॉ0 परमानन्द पांचाल के द्वारा परिषद को देश में गरिमापूर्ण स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया गया। डॉ0 पांचाल का नाम देश के नामचीन साहित्यकारों में सुमार है। उन्होंने सरकार के साथ-साथ अनेकों राष्ट्रीय भाषाई संस्थानों में उल्लेखनीय कार्य किया है। उनको भारत के राष्ट्रपति तथा देश के प्रधानमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।


कार्यसमिति की बैठक में उपाध्यक्ष एच0बाल0 सुब्रमण्यम पूर्व विजिटिंग (जेएनयू ), महामन्त्री डॉ0 हरी सिंह पाल, मीडिया प्रभारी दिनेश गौड़, संगठन मंत्री एवं कवि बाबा कानपुरी, डी0पी0 मिश्रा, सहायक निदेशक (राजभाषा), उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ0 विनोद बब्बर (संपादक- राष्ट्र किंकर), कोषाध्यक्ष आचार्य ओमप्रकाश (पूर्व हिंदी अधिकारी- रक्षा मंत्रालय), संयुक्त मंत्री अरुण कुमार पासवान (पूर्व निदेशक आकाशवाणी), पत्रकार संजय गिरि, छायाकार जगदीश मीणा, हिंदी सेवी जानकीवल्लभ (अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ), साहित्यकार डॉ0 ए0 कीर्तिवर्धन (मुजफ्फरनगर), उमाकांत खुबालकर (पूर्व उप निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय) वैज्ञानिक डॉ0 चेतन बाछोतिया, साहित्यकार डॉ0 श्याम बाला राय और ब्रह्मचारी राकेश कुमार जैन (मध्य प्रदेश), कार्यालय सहायक नारायण तिवारी उपस्थित रहे।


बैठक में डा0 पाल ने परिषद की वित्तवर्ष 2019-20की उपलब्धियों और गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परिषद ने इस वित्त वर्ष में क्रमशः मांडवगढ़ (मध्य प्रदेश), कोंग्खाम्पात (मणिपुर), पुणे (महाराष्ट्र), शिलांग (मेघालय), ईटानगर (अरुणांचल प्रदेश), अगरतला (त्रिपुरा), आइजाल (मिज़ोरम), चैन्नई (तमिलनाडु), पुद्दुचेरी, नारनौल (हरियाणा), जाकिर हुसैन कालेज (दिल्ली विश्वविद्यालय), विश्व पुस्तक मेला (नई दिल्ली) में नागरी लिपि संगोष्ठी और कार्यशालाएं आयोजित की गईं। जिनके विषय में परिषद के पदाधिकारियों और सदस्यों ने चर्चा की और भविष्य की कार्य योजना पर अपने विचार रखे।

-दिनेश गौड़, वरिष्ठ पत्रकार

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