विश्वकर्मा क्रान्ति दल के अधिवेशन में ओबीसी आरक्षण पर जोर
मुम्बई (गंगाराम विश्वकर्मा)। विश्वकर्मा क्रांति दल के राज्यस्तरीय अधिवेशन में पूर्व सांसद, ओबीसी नेता हरिभाऊ राठौड़ ने कहा कि देश में चार सौ पिछड़ा वर्ग समाज की जातियां हैं, इन सभी के हजारों सामाजिक संगठन हैं। आरक्षण यथावत बनाये रखने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। सांताक्रुज, कालीना स्थित विश्वकर्मा समिति हाल में ओबीसी आरक्षण पर चर्चासत्र में राठौड़ ने कहा कि ओबीसी आरक्षण खत्म होना सभी राजनैतिक दलों के लिए चुनौती होगी। उत्तर भारतीय ओबीसी महासभा संयोजक डॉ0 यू0पी0 सिंह ने ओबीसी की अलग जनगणना की मांग करते हुए कहा कि इससे सभी समाज की वास्तविक आबादी का आंकड़ा सामने आएगा और समाज के वंचित पिछड़ों को समानुपातिक भागदारी सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की 40 संस्तुतियों के बदले सिर्फ दो को लागू किया गया है, वह भी आधा अधूरा, इसलिए बाकी संस्तुतियों को भी लागू किया जाय तथा सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में चले जाने के बाद सरकारी नौकरियों के अवसर लगभग समाप्त होता जा रहा है, इसलिए निजी नौकरियों में भी मंडल कमीशन की मंशा के अनुरूप आरक्षण सुनिश्चित किया जाये।
भाजपा मुंबई कार्यकारिणी सदस्य गंगाराम विश्वकर्मा ने महाविकास आघाड़ी सरकार को ओबीसी विरोधी सरकार कहा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने ओबीसी के इम्पेरियल डेटा को तैयार नहीं किया, जिसके कारण ओबीसी आरक्षण को नुकसान हुआ है। विश्वकर्मा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज महाविकास आघाड़ी सरकार से नाराज है, इसका असर नगर निगमों के चुनाव में दिखाई देगा। चर्चासत्र में ओबीसी नेता बालाजी शिंदे, बालासाहेब सानप, विद्यानंद मानकर, शिवसेना नगरसेविका उर्मिला पांचाल ने विश्वकर्मा समाज को संगठित करने पर बल दिया और ओबीसी आरक्षण के लिए सभी ओबीसी समाज को साथ मिलकर संघर्ष करने का आह्वान किया। इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम आयोजक बालासाहेब पांचाल ने आभार व्यक्त किया।