राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान लखनऊ द्वारा डॉ0 डी0आर0 विश्वकर्मा सम्मानित
लखनऊ। सुल्तानपुर के जिला विकास अधिकारी को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान लखनऊ द्वारा सम्मानित किया गया है। संस्थान की तरफ से उन्हें 21 सौ रूपये नगद, अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान लखनऊ के तत्वाधान में आयोजित कहानी प्रतियोगिता शीर्षक ‘फ़र्टिलाइज़र रेड’ हेतु सुल्तानपुर के राज्य कर्मचारी जिला विकास अधिकारी डॉ0 डी0आर0 विश्वकर्मा का नाम इस विशेष उपलब्धि के लिए चयनित किया गया था। राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह कैसरबाग लखनऊ में आयोजित समारोह में डॉ0 डी0आर0 विश्वकर्मा (दयाराम विश्वकर्मा) को यह सम्मान मिला।
डॉ दयाराम विश्वकर्मा का जीवन परिचय व साहित्य यात्रा—
डॉ0 दयाराम विश्वकर्मा जनपद चन्दौली के मूल कनवासी हैं। वह पूर्व से ही हिंदी निबंध, अंग्रेजी निबंध, चार्ट, मॉडल, ललित काव्य पाठ एवं अन्य विधाओं में कालेज स्तर से दर्जनों प्रमाण पत्र अब तक हासिल कर चुके हैं।कैमलिन आर्ट, मेटेरियल डिवीजन मुम्बई द्वारा कला के क्षेत्र में बच्चों को प्रोत्साहन देने हेतु प्रदत्त प्रमाण पत्र, राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा पंचायतों के चुनाव को सकुशल संपन्न कराने हेतु प्रशंसा पत्र, गांधी महोत्सव गाजीपुर में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विकास के अच्छे कार्य करने हेतु खंड विकास अधिकारी का प्रमाण पत्र आदि उत्कृष्ट कार्य के लिए इनका नाम जाना जाता रहा है।
डॉ0 विश्वकर्मा ने अब तक के दो दशकों का शासकीय प्रशासनिक कार्य का अनुभव, कुशल वक्ता एवं लेखन, मेला श्री राम नगरिया 2016 की पत्रिका ”देवपथ” के 13वें अंक का संपादन, कार्य अनुभव सहित राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा ‘पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी, दीर्घकालीन साहित्य सेवा पुरस्कार के रूप में 51 हजार का नगद पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
23 फरवरी 2014 में डॉ0 बिश्वकर्मा को श्री कैलाश नारायण अग्रवाल गद्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। जय हिंद जन सेवा कल्याण संस्थान द्वारा लकूला फर्रुखाबाद में गरीबजनों के सामाजिक उत्थान हेतु किए गए सराहनीय कार्य हेतु प्रदत्त प्रशस्ति पत्र 2014 में प्राप्त हुआ है। प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अंगूरी बाग फर्रुखाबाद द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में भी गौरव सम्मान वर्ष 2016 में प्राप्त हुआ है।
डॉ0 डी0आर0 विश्वकर्मा द्वारा अब तक प्रकाशित पुस्तकें इस प्रकार हैं 1999 में संप्रेषण विद्या, 2005 में ग्राम पंचायतों के अभिलेख व उनका रखरखाव, 2008 में वांड़ी करे कायाकल्प व सुखमय जीवन तथा वांड़ी प्रबंधन एवं संप्रेषण, 2017 में कहानी संग्रह जीवन पथ आदि प्रमुख हैं।
पत्र-पत्रिकाओं में इनकी अधिक रूचि रही है। अनवरत लेखन आदि के लिये शिक्षा संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय में डॉ0 विश्वकर्मा को अब तक के बेस्ट पेपर अवार्ड से नवाजा गया है।
Prerit karne ka moolbhav viksit Kare safalta hetu Badhai even sadhubad kab darsan honge
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