विश्वकर्मा समाज को भाजपा ने दो व बसपा ने दिया एक टिकट, सपा-कांग्रेस ने दिखाया ठेंगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा कांग्रेस से चुनाव लड़ने की तमन्ना पाले विश्वकर्मा समाज के लोगों को निराशा ही हाथ लगी है। ऐसी स्थिति में अभी विश्वकर्मा समाज अपना राजनीतिक भविष्य पूरी तरह तय नहीं कर पा रहा है। हालांकि भाजपा ने दो टिकट व बसपा ने एक टिकट देकर विश्वकर्मा समाज के दिल में जगह बनाने की कोशिश की है। सबसे बड़ा धोखा समाजवादी पार्टी ने दिया है। देश के दो बड़े सामाजिक संगठन अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा व अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं। पार्टी ने करीब आधा दर्जन टिकट विश्वकर्मा समाज को देने को कहा था पर एक भी टिकट नहीं दिया।
ऑल इण्डिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने टिकट न मिलने से नाराज विश्वकर्मा वंशियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिये घोषणा पत्र में विश्वकर्मा शिल्पकार कार्पोरेशन बनाने की बात कही है जो सिर्फ धोखा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह आभास हो गया है कि विश्वकर्मा समाज समाजवादी पार्टी से कट रहा है इसलिये वह लोकलुभावन बात कर रहे हैं। सपा और कांग्रेस दोनों ने विश्वकर्मा समाज के साथ धोखा किया है। यह धोखेबाज पार्टियां सिर्फ वोट लेना जानती हैं और सरकार बनने पर सारे वादे भूल जाती हैं।
बता दें कि भाजपा से 5-6 टिकट के सापेक्ष सिर्फ दो टिकट पर संतोष करना पड़ा है। आज़मगढ़ के दीदारगंज क्षेत्र से डॉ0 कृष्णमुरारी विश्वकर्मा व कुशीनगर के हाटा क्षेत्र से मोहन वर्मा (स्वर्णकार)। जबकि बसपा ने गोंडा जिले के मेहनौन क्षेत्र से शिवकुमार विश्वकर्मा को टिकट दिया है। इससे पहले बसपा ने 1993 में जौनपुर के मछलीशहर से शीला विश्वकर्मा को टिकट दिया था। विश्वकर्मा समाज सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी व अखिलेश यादव से नाराज है। कई संगठन अब सपा के खिलाफ लामबन्दी कर रहे हैं।