लोहा पीटने वाले अशोक विश्वकर्मा ने 1975 में बनवाया था विश्वकर्मा मन्दिर

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लखनऊ। अशोक विश्वकर्मा खुद तो 50 साल से सड़क के किनारे लोहा पीट रहे हैं पर उमड़े आस्था के सैलाब ने सन 1975 में ही भगवान विश्वकर्मा का मन्दिर बनवा दिया था। मूल रूप से मऊ जिले के रैकवारा डीह निवासी अशोक विश्वकर्मा के पिता काफी पहले लखनऊ आ गये थे। अशोक ने सदर बाजार के पास सड़क के किनारे लोहा पीटने का काम शुरू किया। कुछ दिन बाद ही उनके मन में भगवान विश्वकर्मा का मन्दिर बनवाने का विचार आया। उनके आस्था के उमड़े सैलाब ने सन 1975 में ही वहीं सड़क के किनारे भगवान विश्वकर्मा का मन्दिर बनवा दिया। बाद में मन्दिर की साज—सज्जा अच्छी हो गई।


अशोक विश्वकर्मा प्रतिदिन मन्दिर में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के बाद अपना काम शुरू करते हैं। पहले तो वह मन्दिर से सटे भू—भाग पर लोहा पीटने का काम करते थे 10 साल से मन्दिर के ठीक सामने दूसरी पटरी पर कार्यस्थल बनाया। उदयगंज से सदर की तरफ जाने वाले मार्ग पर बने ओवरब्रिज के नीचे से जाने पर बायीं तरफ भगवान विश्वकर्मा के दर्शन होते हैं तो दाहिनी तरफ अशोक विश्वकर्मा अपनी रोजी—रोटी में व्यस्त लोहा पीटते नजर आते हैं।

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