अरविन्द जांगिड़ बने मिशाल, कोरोना दवा की शोध अपनी देह पर कराने को तैयार

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जयपुर। भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना ने अपनी पकड़ बना ली है। प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में वृद्धि देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई थी। लॉक डाउन की वजह से कई परिवार ऐसे भी है जिनको खाने-पीने के लिए भी संघर्षरत होना पड़ रहा था। ऐसे में सरकार व भामशाओं द्वारा उनके लिए नि:शुल्क भोजन व खाद्य सामग्री की व्यवस्था की गई है, जो कि सराहनीय कदम है।
लॉक डाउन के दौरान भी कोरोना संक्रमण के मरीजों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है और किसी भी देश के पास इसके उपचार की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हैं। इसी के मद्देनजर दौसा के युवा समाजसेवी अरविन्द जांगिड़ ठिकरिया ने सरकार के सामने कोरोना की दवा बनाने के लिए अपने शरीर को देने का प्रस्ताव दिया है। जांगिड़ का कहना है कि यदि सरकार को दवा के प्रयोग के लिए किसी इंसानी शरीर की आवश्यकता है तो सरकार उनके शरीर पर प्रयोग कर सकती है। जांगिड़ ने अन्य से भी आग्रह किया है कि सभी इस तरह के कार्यों के लिए अपनी भूमिका निभाएं, क्योंकि देश बचेगा तो हम बचेंगे। जांगिड़ लंबे समय से समाजसेवी संगठनों से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा संकल्प से सिद्धि महाभियान में मीडिया प्रभारी जयपुर संभाग एवं अखिल भारतीय जांगिड़ ब्रह्मण महासभा के राष्ट्रीय मंत्री (आइटी) सहित अनेकों संगठनों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जांगिड़ द्वारा दिये गए इस प्रस्ताव का अनेक लोगों ने सम्मान किया है।

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