झारखण्ड हाईकोर्ट की शान बढ़ायेगी आर्टिस्ट श्याम विश्वकर्मा की टेराकोटा पेन्टिंग
रांची। प्रसिद्ध आर्टिस्ट श्याम विश्वकर्मा की टेराकोटा पेंटिंग्स जल्द ही झारखण्ड हाईकोर्ट की शान बढ़ायेगी। सरकार से मिले निर्देश के आलोक में श्याम विश्वकर्मा इसके लिए पूरी तैयारी के साथ जोर-शोर से जुटे हुये हैं। श्याम विश्वकर्मा की तकरीबन एक दर्जन से अधिक बड़े साइज की टेराकोटा पेन्टिंग रांची में नये विधानसभा के सामने निर्माणाधीन हाईकोर्ट भवन में लगाया जा रहा है। इन पेन्टिंग्स के साथ-साथ श्याम विश्वकर्मा द्वारा बनाये गये कानून की देवी प्रतिमा भी हाईकोर्ट को सुशोभित करेगी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के रांची ब्रांच को भी श्याम विश्वकर्मा की पेंटिंग से सुशोभित किया जा रहा है। यहां भी श्याम विश्वकर्मा के करीब डेढ़ दर्जन टेराकोटा पेन्टिंग्स लगेंगे।
पेन्टिंग के माध्यम से खुशहाल झारखण्ड का संदेश-
सारे पेन्टिंग्स आदिवासी लोककला सोहराय, जादू पेटिया, झारखण्ड का पर्यटन स्थल इत्यादि से संबंधित होगा। श्याम विश्वकर्मा को इन दोनों कार्य को आगामी पांच मई तक पूरा करना है। अभी हाल में ही श्याम विश्वकर्मा का संकल्प से सफलता की ओर इंगित टेराकोटा के कई पेन्टिंग को कोल इंडिया आसनसोल, पश्चिम बंगाल में लगाया गया है। बीते दिसंबर माह में भी साहिबगंज के श्याम विश्वकर्मा की लगभग 150 पेन्टिंग झारखण्ड सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में लगाई गई थी। झारखंड की खुशहाली और हरियाली का संदेश देने वाला उक्त सभी पेन्टिंग के माध्यम से झारखण्ड की कला और संस्कृति को भी बखूबी दर्शाने का प्रयास किया गया। झारखण्ड की विलुप्त हो रही लोककला जादू पेटिया और टेराकोटा पेन्टिंग के माध्यम से खुशहाल झारखण्ड का संदेश दिया गया।
अपनी कला से बनाई देश-विदेश में अपनी पहचान-
दरअसल, देशभर में कला और पेन्टिंग की दुनिया में साहिबगंज के श्याम विश्वकर्मा का एक जाना पहचाना नाम है। श्याम विश्वकर्मा की पेन्टिंग भारत सरकार के कई मंत्रालयों में सुशोभित है। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित झारखण्ड भवन को भी श्याम विश्वकर्मा अपनी कला से एक अलग पहचान दे चुके हैं। अब श्याम विश्वकर्मा की कृति केवल साहिबगंज या झारखण्ड तक ही सीमित नहीं है। देश के अलावा अमेरिका, कनाडा और डेनमार्क जैसे देशों में इनकी कृति और यश पहुंच चुकी है। श्याम विश्वकर्मा की तकरीबन डेढ़ दर्जन पेंटिंग्स अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थापित एक म्यूजियम की शान बढ़ा रहा है।
देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं श्याम विश्वकर्मा-
श्याम विश्वकर्मा ने पहली बार वर्ष 2006 में दिल्ली में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय व्यापार मेला में लगी कला प्रदर्शनी से देशभर में अपनी पहचान बनाई। यहां टेराकोटा कला पर लगी उनकी एक दर्जन पेंटिंग्स ने काफी वाहवाही लूटी। तब भारत सरकार ने वहां लगी सारी कलाकृतियों को खरीद लिया था, जो भारत सरकार के कृषि एवं अन्य मंत्रालयों में अब भी सुशोभित है। रांची प्रोजेक्ट भवन में लगी झारखण्ड की सबसे ऊंची प्रतिमा श्याम विश्वकर्मा द्वारा ही तैयार की गई है। टेराकोटा पेन्टिंग के उत्थान के लिए वे झारखंड सरकार से पुरस्कृत भी हुए हैं। वर्ष 2018 में हुए अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भी श्याम विश्वकर्मा देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। श्याम विश्वकर्मा ने कहा कि उनकी दिली इच्छा है कि साहिबगंज की गंगा की मिट्टी से बने कलाकृतियों को देशभर में एक अलग पहचान मिले। (साभार)