अयोध्या निवासी शटलर प्रांजलि शर्मा कुलपति स्वर्ण पदक के लिये चयनित
अयोध्या। बैचलर आफ फिजिकल एजूकेशन एण्ड स्पोर्ट्स की वर्ष 2025 की परीक्षा में प्रथम प्रयास में सर्वाधिक अंक 2679/2900 (92.20 प्रतिशत) हासिल करने वाली प्रांजलि शर्मा को “कुलपति स्वर्ण पदक” से सम्मानित किया जायेगा। प्रांजलि शर्मा डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं जहां परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया है। वह आगामी 13 अक्टूबर को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की आयोजित होने वाले 30वें दीक्षान्त समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल द्वारा “कुलपति स्वर्ण पदक” से सम्मानित होंगी।

बता दें कि प्रांजलि शर्मा मिर्जापुर जिले के अहरौरा के मूल निवासी वरिष्ठ समाजसेवी स्व. मेवालाल विश्वकर्मा की पौत्री व डॉ. अनिल कुमार शर्मा की पुत्री है। प्रांजलि शर्मा ने एक शटलर के रूप में अन्तर्विश्वविद्यालयीय बैडमिण्टन प्रतियोगिता, अन्तर्महाविद्यालयीय बैडमिण्टन प्रतियोगिता, राष्ट्रीय स्तर की बैडमिण्टन प्रतियोगिता (हैदराबाद, विशाखापट्नम्), राज्य स्तरीय बैडमिण्टन प्रतियोगिता (अलीगढ, हापुड़, इलाहाबाद, लखनऊ) व अन्य जिला व मण्डल स्तरीय प्रतियोगिता में जीतकर स्थान बनाया है। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिण्टन खिलाड़ी पुलेला गोपीचन्द के नोएडा स्थित बैडमिण्टन ऐकेडेमी तथा अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिण्टन खिलाड़ी चेतन आनन्द के हैदराबाद (तेलगांना) स्थित चेतन आनन्द बैडमिण्टन ऐकेडेमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
यहां यह बताना आवश्यक है कि प्रांजलि शर्मा के दादा स्व. मेवालाल विश्वकर्मा एक ऐसे समाजसेवी थे जिन्होंने जीते जी समाजसेवा तो किया ही अंतिम सांस लेने के पहले “देहदान” कर समाजसेवा की अनोखी मिशाल प्रस्तुत किया। इतना ही नहीं, प्रांजलि की दादी ने भी देहदान कर अपने पति की सामाजिक सेवा को और भी प्रकाशवान बनाया।
