विश्वकर्मा एकजुटता मंथन सम्मेलन में समाज को बांटने के षड्यंत्र पर जताई गई चिंता

Spread the love

चन्दौली। वंचित, शोषित, उपेक्षित एवं कामगार शिल्पकार जातियों और उप जातियों को सत्ता और वोट के लिए इस्तेमाल करने तथा बांटने का राजनैतिक षड्यंत्र हो रहा है। इससे सम्पूर्ण विश्वकर्मा समाज को सावधान रहने की जरूरत है। उक्त बातें चकिया के भीषमपुर गांव स्थित भोजपुरी लोक साहित्य विधा के रचनाकार एवं गीतकार स्वर्गीय राम जियावन दास बावला की छावनी में ऑल इण्डिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में आयोजित विश्वकर्मा एकजुटता विकास मंथन सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार में इस समाज के लोग सर्वाधिक जुल्म, उत्पीड़न, भेदभाव एवं अन्याय के शिकार हैं। आजादी के बाद सभी दलों ने इनका सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया और धोखा दिया। राजनैतिक पार्टी और उनके नेता समाज के रहनुमाओं के चेहरे वोट के लिए मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।


राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कुछ तथाकथित सत्तालोलुप स्वार्थी नेताओं द्वारा विश्वकर्मावंशी लोहार—बढ़ई भाइयों को आपस में बांटने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महासभा के लोग इस षड्यंत्र के खिलाफ समाज को जागरूक और संगठित करने के उद्देश्य से गांव—गांव जाएंगे। महासभा स्वाभिमान को जगाने तथा गुलामी छोड़ो—समाज जोड़ो अभियान चला रहा है। देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट योगदान करने वाले समाज के महापुरुषों तथा मनीषियों के साथ भेदभाव करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विंध्य क्षेत्र के इस ऐतिहासिक पहाड़ी अंचल में बसे गांव भीखमपुर के निवासी भोजपुरी साहित्य के आधुनिक तुलसी राम जियावन दास बावला के सम्मान में तथा उनकी स्मृतियों को जीवंत रखने की दिशा में साहित्यकारों एवं सामाजिक संगठनों की निरंतर किए जा रहे मांग को अनदेखी करते हुए बावला जी के लिए आज तक कुछ भी नहीं किया गया, जिससे विश्वकर्मा समाज में गहरा आक्रोश है।


सम्मेलन में नेताओं ने सामाजिक परिवर्तन के लिए लोहार—बढ़ई भाइयों के बीच रोटी—बेटी का सम्बंध स्थापित कर आपसी एकजुटता पर बल दिया तथा भेदभाव और असमानता के खिलाफ विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के आरम्भ में भगवान विश्वकर्मा एवं बावला जी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। लोकगीत गायक कलाकार बहादुर विश्वकर्मा द्वारा साथियों के साथ भगवान विश्वकर्मा के महिमा से सम्बन्धित गीत एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।


कार्यक्रम के अंत में सहभोज सम्पन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता बसंत लाल विश्वकर्मा एवं संचालन गीतकार कवि राजेश कुमार विश्वकर्मा ने किया। विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रूप से सर्वश्री श्याम बिहारी विश्वकर्मा, श्रीकांत विश्वकर्मा, डॉक्टर प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, नंदलाल विश्वकर्मा, श्रीमती अनीता विश्वकर्मा, श्याम लाल विश्वकर्मा फौजी, विजेंद्र विश्वकर्मा, गब्बर, राम अवतार विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, विजय विश्वकर्मा पत्रकार, सभासद मोहन विश्वकर्मा, आशुतोष विश्कर्मा, अजय विश्वकर्मा, अशोक विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

1 thought on “विश्वकर्मा एकजुटता मंथन सम्मेलन में समाज को बांटने के षड्यंत्र पर जताई गई चिंता

  1. जब तक कोई भी समाज राजनीति की मुख्य धारा में शामिल होकर देश व प्रदेश की राजनीति में अपनी भूमिका नहीं निभाएगा तब तक उसका चतुर्दिक विकास सम्भव नहीं है ।
    यहां तो अपने समाज में सैकड़ों संगठन बने हुवे हैं किसी का किसी से थोड़ा सा भी कहा सुनी हुआ नहीं कि दूसरा संगठन बना नहीं ।
    सब अपने आपको काबिल साबित करने में लगे हुवे ।

    मैं उनकी क्यों सुनूँ क्या मैं उनसे कम पढ़ा लिखा कम काबिल हूँ क्या ये स्थिति है यहां पर

Leave a Reply to धीरेन्द्र पांचाल Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: